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‘द लांसेट’ रिपोर्ट में खुलासा, बिना सिगरेट-बीड़ी पीने वालों में भी फेफड़ों का कैंसर बढ़ रहा

Report By : ICN Network
यह अध्ययन विश्व कैंसर दिवस पर ‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल’ में मंगलवार को प्रकाशित हुआ

बढ़ते वायु प्रदूषण से धूम्रपान न करने वालों में भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा: रिपोर्ट एक हालिया अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि सिर्फ धूम्रपान करने वाले ही नहीं, बल्कि कभी सिगरेट या बीड़ी न पीने वाले लोग भी फेफड़ों के कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण हो सकता है। यह अध्ययन विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर ‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल’ में मंगलवार को प्रकाशित हुआ।

फेफड़ों के कैंसर के बढ़ते मामले और अध्ययन के निष्कर्ष

इस अध्ययन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) और अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने किया। उन्होंने ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 डेटासेट सहित अन्य डेटा का विश्लेषण कर यह पता लगाने की कोशिश की कि फेफड़ों के कैंसर के कौन-कौन से उपप्रकार अधिक आम हो रहे हैं। अध्ययन में चार प्रमुख उपप्रकारों का विश्लेषण किया गया:

  1. एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथि कैंसर)
  2. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (त्वचा कैंसर)
  3. छोटे सेल कार्सिनोमा
  4. बड़े सेल कार्सिनोमा

एडेनोकार्सिनोमा बन रहा प्रमुख कारण

शोधकर्ताओं ने पाया कि एडेनोकार्सिनोमा, जो बलगम और पाचन में मदद करने वाले तरल पदार्थ उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों में शुरू होता है, पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रमुख उपप्रकार बन चुका है।

2022 में, कभी धूम्रपान न करने वालों में 53-70 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर के मामले इसी उपप्रकार के पाए गए। यह आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि कैंसर का खतरा सिर्फ तंबाकू सेवन करने वालों तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य बाहरी कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बदलती जीवनशैली और वायु प्रदूषण बन रहे प्रमुख कारण

शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया के कई देशों में धूम्रपान की प्रवृत्ति कम हो रही है, लेकिन इसके बावजूद धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।

आईएआरसी की कैंसर निगरानी शाखा के प्रमुख फ्रेडी ब्रे ने कहा, “धूम्रपान की आदतों में बदलाव और बढ़ते वायु प्रदूषण का संपर्क, फेफड़ों के कैंसर के जोखिम में इजाफा करने वाले मुख्य कारणों में से हैं।”

आज फेफड़ों का कैंसर कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक बन चुका है। ऐसे में, प्रदूषण पर नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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