Report By : ICN Network (Chitrakoot News)
आपने पहाड़ तो खूब देखे होंगे और हर जगह कई पहाड़ों की अपनी एक अलग पहचान भी है। आज हम चित्रकूट में एक ऐसे पहाड़ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जिसमे लगे पेड़ पौधे पूरे साल हरे भरे रहते है। अगर आप भी इस पहाड़ के बारे में जानना चाहते है। तो इस खबर को ध्यान से देखें।
हम बात कर रहे हैं धर्म नगरी चित्रकूट के कामदगिरि पहाड़ की इस पहाड़ में लगे पेड़ पौधे पूरे साल हरे भरे रहते हैं। मान्यता है वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम के माता जानकी और भाई लक्ष्मण के साथ आए थे। जहां उनकी रक्षा के लिए 108 गंगा और 52 देवीय चित्रकूट आई थी। वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष चित्रकूट में बिताने के बाद वह दंगक वन की ओर चले गए। लेकिन उनके साथ आई 108 गांगते और 52 देवीय चित्रकूट में ही रहने के लिएं कहकर वह चले गए। इसी कारण कामदगिरि पर्वत हमेशा हरा-भरा रहता है।
12 हनुमान मंदिर के पुजारी अमित तिवारी ने बताया किया है कामदगिरि पर्वत अचल तीर्थ है भगवान राम को जब वनवास काल हुआ तब वह चित्रकूट निवास किए और साढ़े ग्यारह वर्ष संतो के साथ उन्होंने इस पर्वत की पूजा की माता जानकी की रक्षा के लिए अयोध्या से 52 देवीय 108 गंगाये साथ ने चली है। जब यहां से साधना पूरी हो गई जाने लगे श्री राम और माता जानकी जी ने संतो को आर्शीवाद दिया जो भी शक्तियां मेरे साथ आए हैं मैं इस पर्वत में विद्यमान करती हूं वो 108 गंगा है आज भी इस पर्वत में विराजमान है 52 देवीय भी विद्यमान है। जो भी भक्त इस पर्वत के पास अपनी मनोकामना लेकर आता उसकी शादी मनोकामनाएं पूरी होती हे यह हरा भरा भगवान राम और संतो का ही प्रताप है।