जमा-पूंजी लगाकर फ्लैट खरीदा था कि सुकून से रहेंगे लेकिन 10 हजार लोग पानी तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
फ्लैट की रजिस्ट्री तो दूर की बात है। एओए के प्रयास पर बिल्डर ने पानी का बिल 2.54 करोड़ नोएडा प्राधिकरण में जमा किए हैं। 4.40 करोड़ ब्याज व सीवर शुल्क अब प्राधिकरण मांग रहा है।
उन्होंने कहा कि सोसाइटी में 2,633 फ्लैट हैं। पानी सिर्फ 1,348 फ्लैट को दिया जा रहा है। निवासियों ने कहा कि सोसाइटी में कुछ लोग ऐसे हैं जो विवाद की स्थिति उत्पन्न करते हैं। इससे माहौल खराब होता है। प्राधिकरण एक पक्ष को सुनने के बाद कार्रवाई करता है। दूसरे पक्ष को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं देता है। मधुकर पांडेय ने बताया कि एओए 1.99 रुपये कैम में सोसाइटी बेहतर चल रही है। प्राधिकरण की अनुमति के बाद नई मदर डेरी शुरू होने वाली है लेकिन कुछ लोग उसपर भी विवाद पैदा कर रहे हैं।