दरअसल, जून 2022 में शिवसेना में टूट के बाद विधायकों की अयोग्यता को लेकर दोनों गुटों की तरफ से 34 याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं को 6 हिस्सों में बांटा गया। जिनमें से चार शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और दो शिंदे गुट की हैं। वहीं अब महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि असली शिवसेना कौन सी है? हैरानी की बात ये है कि अगर एकनाथ शिंदे अयोग्य ठहराए जाते हैं, तो उन्हें CM पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। इन विधायकों पर मंडरा रहा है अयोग्यता का खतरा ?
शिंदे गुट से एकनाथ शिंदे, संजय शिरसत, भरत गोगावले, संदीपन भुमरे, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, लता सोनावाने, यामिनी जाधव, प्रकाश सूर्वे, अनिल बाबर, बालाजी किन्नीकर, महेश शिंदे, चिमनराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमुल्कर और बालाजी कल्याणकर। यहीं नहीं इनके अलावा और भी कई विधायकों के खिलाफ ठाकरे गुट ने अयोग्यता की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ ठाकरे गुट से सुनील प्रभु, रविंद्र वाईकर, सुनील राउत, वैभव नाइक, अजय चौधरी, संजय पटनीस, प्रकाश फाटेरपेकर, रमेश कोरगांवकर, राजन विचारे, नितिन देशमुख, कैलाश पाटिल और राहुल पाटिल। सिर्फ दो विधायकों- आदित्य ठाकरे और रुतुजा लाटके के खिलाफ ही अयोग्यता का प्रस्ताव नहीं आया है।