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BS-6 गाड़ियों पर टैक्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ट्रांसपोर्टर्स

दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से बीएस-4 कमर्शल गाड़ियों की एंट्री पर पाबंदी के मुद्दे पर विचार करने की मांग की है, जिससे भारी नुकसान की आशंका है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने सुप्रीम कोर्ट में एनवायरनमेंट सेस को खत्म करने के लिए याचिका दायर की है, क्योंकि बीएस-6 गाड़ियों से इसकी वसूली को अनुचित बताया गया है।

उम्र पूरी कर चुकी गाड़ियों पर लगाए गए बैन के खिलाफ दिल्ली सरकार के रुख को देखते हुए अब दिल्ली के ट्रांसपोर्टर्स भी लामबंद हो रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से मांग की है कि दिल्ली में 1 नवंबर से बीएस-4 कैटिगरी के कमर्शल गाड़ियों की एंट्री पर लगाई जा रही पाबंदी के मुद्दे पर भी सरकार गंभीरता से विचार करे, क्योंकि इससे भारी नुकसान होने की आशंका है।

सेस खत्म करने की मांग

बीएस-6 गाड़ियों से वसूले जा रहे एनवायरनमेंट सेस से छूट दिलाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है। इसे लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने सुप्रीम कोर्ट में अलग से एक याचिका दायर करके एनवायरनमेंट सेस को खत्म करने की मांग की है। सोमवार को एंड ऑफ लाइफ वीकल्स पर दिल्ली सरकार की याचिका के साथ ही AIMTC की इस याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

ये वसूली ठीक नहीं

AIMTC के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हरीश सभरवाल ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सबसे पहले दिल्ली में प्रवेश करने वाले बीएस-6 कैटिगरी के वाहनों पर लगाए जा रहे पर्यावरण क्षतिपूर्ति उपकर (ECC) की वसूली से कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों को राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि ECC की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के 9 अक्टूबर 2015 के आदेश के तहत की गई थी। उस समय केवल बीएस-3 उत्सर्जन मानक लागू थे और बीएस-4 या बीएस-6 जैसे स्वच्छ विकल्पों को नहीं अपनाया गया था। उस समय कोर्ट का हस्तक्षेप उचित था, लेकिन अब भारत का ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बदल चुका है। इसके बाद बीएस-6 वाहनों से लगातार एनवायरनमेंट सेस की वसूली ठीक नहीं है।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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