Report By : ICN Network
दिल्ली दौरे से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाराजगी की अटकलों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी संगठन की बैठक से जल्दी निकलने को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। “मुझे एक अन्य कार्यक्रम में जाना था, इसलिए बैठक से तुरंत निकलना पड़ा। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं थी।”
त्रिवेंद्र ने राज्य सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को भी निराधार बताते हुए कहा कि धामी सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। “बार-बार मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा करना गलत परंपरा है,” उन्होंने जोड़ा।
पूर्व CM ने कहा कि वह हरक सिंह रावत का पूरा इतिहास जानते हैं। बीते दिनों उनके बयान और आरोप उनकी निजी राजनीति या असुरक्षा का नतीजा हो सकते हैं। चंदे को लेकर हरक के आरोपों पर उन्होंने जवाब दिया कि भाजपा ने पूरी पारदर्शिता से चेक के जरिए चंदा लिया था।
अन्य मुद्दों पर बयान
खनन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार नीलामी की नीति के तहत पट्टे दे रही है, इसमें कोई बुराई नहीं है।
गैरसैंण की स्थायी राजधानी पर बोले कि यह फैसला सरकार को लेना है, भाजपा ने उसे ग्रीष्मकालीन राजधानी जरूर बनाया।
विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस के रवैये को उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना बताया।
तीरथ सिंह रावत के भांजे से जुड़े मामले पर उन्होंने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए और लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
त्रिवेंद्र ने साथ ही नौकरशाही को चेताया कि नीतियों और निर्णयों का सही क्रियान्वयन उनकी जिम्मेदारी है और जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।