Report By-Ganesh Kumar Sonbhadra (UP)
यूपी के सोनभद्र में सूबे में चार राज्यों से घिरे सोनभद्र जनपद में परिवहन सेवा लड़खड़ा सकती है। जिले की 32 रोडवेज बसें पुरानी हो चुकी हैं और किलोमीटर की तय सीमा भी पार कर चुकी हैं। 10 साल की उम्र पूरी होने के साथ ही इन बसों को नीलाम कर दिया जाएगा। 6 से 8 माह में यह बसें अपनी उम्र भी पूरा कर लेंगे, इस बीच यदि कोई नई बसें नहीं मिलती है तो सोनांचल के साथ ही पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में दौड़ रही सोनभद्र की बसें हटने से परिवहन सेवा अचानक लड़खड़ा सकती है। परिवहन निगम के नाते इन बसों को अभी सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक 10 साल की उम्र पूरा होने के साथ ही इन बसों के नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आगामी 6 से 8 माह में इन बसों की नीलामी होने की बाद सोनभद्र डिपो में 24 रोडवेज बसें बचेंगे, इन बसों में भी सिर्फ 9 बसे ही नई है। 15 बसें भी आधी दूरी से अधिक तय कर चुकी है फरवरी तक 6 रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर परिवहन निगम की तरफ से जल्द से जल्द नई रोडवेज बस नहीं भेजी जाती है तो सोनभद्र डिपो बस विहीन हो जाएगा और यहां सोनभद्र के साथ ही पूर्वांचल के अन्य जिलों व राजधानी लखनऊ तक सफर तय करना आसान नहीं रह जाएगा।
सूबे के सबसे अंतिम जिले सोनभद्र में अगर दो माह के अंदर नई बसे परिवहन निगम द्वारा नहीं भेजी गई तो यहां की परिवहन सेवा लड़खड़ा सकती है। डिपो में कुछ बसें नीलाम होने के साथ ही बस की संख्या काफी कम हो जाएगी इससे लोगों को यात्रा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा देखा जाए तो सोनभद्र डिपो में कुल 56 बसे हैं रोडवेज बस को सिर्फ 10 साल 10 लाख किलोमीटर ही सड़क पर चलने का नियम है। सूत्रों की माने तो डिपो की 32 रोडवेज बसें 10 लाख किलोमीटर से अधिक दूरी कर चुकी है। कई बसें 13 लाख किलोमीटर तक चल चुकी है मगर अभी तक इन बसों का निर्धारित उम्र पूरा नहीं हुआ किसी का 6 महीना तो किसी का आठ महीना उम्र शेष है। जैसे ही उनकी उम्र पूरी होगी उसे नीलाम कर दिया जाएगा।