समाजवादी पार्टी के दो सांसदों ने लोकसभा से इस्तीफा देने की बात कही है. ये बयान उन्होंने खुद ही दिया है उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के दो लोकसभा सांसदों ने इस्तीफा देने की बात कही है, और इसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। इनमें से एक सांसद सपा प्रमुख और कन्नौज से लोकसभा सांसद अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने संसद में ही इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इस्तीफा देने का इरादा जाहिर किया है। हालांकि, दोनों नेताओं ने अलग-अलग कारणों से इस्तीफा देने की बात की है, और इसके बाद सियासी माहौल गर्म हो गया है सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने इस्तीफा देने की बात उस वक्त कही जब अयोध्या में एक दलित युवती की हत्या की खबर आई थी। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान रोते हुए कहा था कि अगर उस दलित बेटी को न्याय मिलता है, तो वह अपने लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी थी और इसे “नौटंकी” करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस मामले में जांच होगी, तो कोई सपा नेता भी आरोपी हो सकता है वहीं, अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ पर सवाल उठाए और सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी सपा प्रमुख ने जवाब दिया, लेकिन इस दौरान बीजेपी सांसदों ने उन्हें टोका। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वह गलत कह रहे हैं, तो वह तुरंत अपना इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनाव हैं, और राष्ट्रपति ने अभिभाषण में मेट्रो की दूरी को दो गुना बढ़ाने की बात कही इस दौरान, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने अखिलेश यादव के बयानों पर जवाब देते हुए कहा कि कुंभ में जो हुआ, वह एक हादसा था, और सपा इस हादसे पर राजनीति कर रही है, जिसे बंद किया जाना चाहिए। अखिलेश यादव ने जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की, जबकि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया था। 17 घंटे बाद राज्य सरकार ने शोक संवेदना स्वीकार की। यह बयान इस बात को दर्शाता है कि सरकार की ओर से सच्चाई को स्वीकारने में देरी हो रही है इन सभी घटनाओं के बीच, इस्तीफा देने की बात ने यूपी की राजनीति में नई चर्चा शुरू कर दी है
समाजवादी पार्टी के दो लोकसभा सांसद इस्तीफा देना चाहते हैं, कारण जानें इस निर्णय के पीछे

समाजवादी पार्टी के दो सांसदों ने लोकसभा से इस्तीफा देने की बात कही है. ये बयान उन्होंने खुद ही दिया है उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के दो लोकसभा सांसदों ने इस्तीफा देने की बात कही है, और इसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। इनमें से एक सांसद सपा प्रमुख और कन्नौज से लोकसभा सांसद अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने संसद में ही इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इस्तीफा देने का इरादा जाहिर किया है। हालांकि, दोनों नेताओं ने अलग-अलग कारणों से इस्तीफा देने की बात की है, और इसके बाद सियासी माहौल गर्म हो गया है सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने इस्तीफा देने की बात उस वक्त कही जब अयोध्या में एक दलित युवती की हत्या की खबर आई थी। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान रोते हुए कहा था कि अगर उस दलित बेटी को न्याय मिलता है, तो वह अपने लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी थी और इसे “नौटंकी” करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस मामले में जांच होगी, तो कोई सपा नेता भी आरोपी हो सकता है वहीं, अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ पर सवाल उठाए और सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी सपा प्रमुख ने जवाब दिया, लेकिन इस दौरान बीजेपी सांसदों ने उन्हें टोका। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वह गलत कह रहे हैं, तो वह तुरंत अपना इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनाव हैं, और राष्ट्रपति ने अभिभाषण में मेट्रो की दूरी को दो गुना बढ़ाने की बात कही इस दौरान, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने अखिलेश यादव के बयानों पर जवाब देते हुए कहा कि कुंभ में जो हुआ, वह एक हादसा था, और सपा इस हादसे पर राजनीति कर रही है, जिसे बंद किया जाना चाहिए। अखिलेश यादव ने जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की, जबकि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया था। 17 घंटे बाद राज्य सरकार ने शोक संवेदना स्वीकार की। यह बयान इस बात को दर्शाता है कि सरकार की ओर से सच्चाई को स्वीकारने में देरी हो रही है इन सभी घटनाओं के बीच, इस्तीफा देने की बात ने यूपी की राजनीति में नई चर्चा शुरू कर दी है