प्रधानमंत्री आवास योजना -2 के तहत अब मध्य आय वर्ग के लोग भी पात्र होंगे। इस योजना के तहत, जो लोग अपनी खुद की जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं, उन्हें 2.5 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने घर बनाने का सपना देखते हैं, लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं इसके अलावा, बुजुर्गों को 30,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने घरों की मरम्मत या सुधार कर सकें। यह कदम खासतौर पर वृद्धजनों के लिए उठाया गया है, ताकि उन्हें अपने घरों में सुरक्षित और आरामदायक जीवन जीने में मदद मिल सके। वहीं, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी 20,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे उन्हें अपने घर बनाने या उसमें सुधार करने में मदद मिलेगी प्रधानमंत्री आवास योजना -2 का उद्देश्य देश के हर नागरिक को एक छत देना है, विशेष रूप से उन लोगों को जिनके पास खुद का घर नहीं है या जिनके पास घर की मरम्मत के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और अन्य सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी। इस पहल से ना केवल घरों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय समाज में सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा
प्रधानमंत्री आवास योजना-2 में मध्य आय वर्ग को पात्र, बुजुर्गों को 30,000 और विधवाओं को 20,000 रुपये अतिरिक्त

प्रधानमंत्री आवास योजना -2 के तहत अब मध्य आय वर्ग के लोग भी पात्र होंगे। इस योजना के तहत, जो लोग अपनी खुद की जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं, उन्हें 2.5 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने घर बनाने का सपना देखते हैं, लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं इसके अलावा, बुजुर्गों को 30,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने घरों की मरम्मत या सुधार कर सकें। यह कदम खासतौर पर वृद्धजनों के लिए उठाया गया है, ताकि उन्हें अपने घरों में सुरक्षित और आरामदायक जीवन जीने में मदद मिल सके। वहीं, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी 20,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिससे उन्हें अपने घर बनाने या उसमें सुधार करने में मदद मिलेगी प्रधानमंत्री आवास योजना -2 का उद्देश्य देश के हर नागरिक को एक छत देना है, विशेष रूप से उन लोगों को जिनके पास खुद का घर नहीं है या जिनके पास घर की मरम्मत के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और अन्य सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी। इस पहल से ना केवल घरों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय समाज में सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा