Report By-S.Asif Hussain Zaidi Ballia(UP)
यूपी के बलिया से खबर है कहते हैं प्रतिभा किसी के मोहताज नहीं होती, ऐसे ही एक प्रतिभावान छात्र कि प्रतिभा का हुनर और कुछ कर गुज़रनें की चाह देखने को मिली,10वीं मे पढ़ने वाला यह छात्र प्रशांत कुशवाहा मे देखने को मिली।ईश्वर पढ़ने वाले छात्र पढ़ाई के प्रति अनन्त प्रेम सफलता के मार्ग को प्रशस्त जरूर करता है।
बात अगर प्रशांत की करें तो 10 वीं में जाते-जाते इस छात्र ने शिक्षकों से राय लेकर ऐसा मॉडल तैयार कर दिया ।

ऐसे कृषि रोबोट का आविष्कार किया जिसको देखने के लिए लोगों की लंबी कतार लग गई. बलिया जिले के सवरूबांध निवासी 15 वर्षीय प्रशांत कुशवाहा पुत्र अमित कुशवाहा ने बताया कि मैं कृषि रोबोट (agriculture robot) बनाया हूं. जो बहुउद्देशीय(multipurpose) कृषि रोबोट है. प्रशांत एक निजी स्कूल अगरसंडा बलिया का छात्र हूं. इसको आर्डयूनो चिप की मदद से कोडिंग करके बनाया हूं. जिसे मोबाइल से किसान बैठे-बैठे आसानी से खेत का काम बेहतर कर सकेंगे. इस रोबोट में चार महत्वपूर्ण फंक्शंस (सिंचाई प्रणाली, निराई-गुड़ाई करने का कटर, सीडर का कार्य और नमी डिटेक्टर) है. ये है इस कृषि रोबोट का कमाल… छात्र प्रशांत कुशवाहा ने कहा कि यह बहुउद्देशीय रोबोट(multipurpose robot) है जो किसानों के लिए बेहद लाभकारी है. इसको आर्डयूनो चिप की मदद से कोडिंग करके बनाया गया है. इसमें मैंने hc 05 ब्लूटूथ मॉडल लगा रखा है जिसकी मदद से इसे फोन से कनेक्ट करके चलाया जा सकता है. जिसका ऐप स्केच आईएनओ कोडिंग से बनाया गया है. इसको बनवाने में मेरे एआई के शिक्षक मुर्शिद खान और नीरज सिंह ने सहयोग किया है. विद्यालय परिवार ने भी इसको बनाने में आर्थिक सहयोग किया है. 3 महीने का समय लगा है. लगभग इसको बनाने में खर्च की बात करें तो ₹8,000 से ₹10,000 की लागत लगी है. ये है इस रोबोट में सुविधा… इस रोबोट में चार सुविधा है. जो किसानों के लिए बेहद सुविधाजनक है. जो पढ़ा लिखा नहीं भी है वह भी इस रोबोट को चला सकता है. इसके चार सुविधा निम्नवत है. 01 सिंचाई प्रणाली – एक छोटा सा पंप है जो पानी खींचकर खेत का सिंचाई करता है. पानी में उर्वरक और कीटनाशक भी मिलकर सिंचाई किया जा सकता है. 02 – निराई गुड़ाई करने का कटर इसमें लगाया गया है जो रास्ते में आए घास को आसानी से काट सकता है. 03 सीडर का कार्य – यह रोबोट सीडर का भी अच्छा कार्य करता है. इसमें बीज डालना है यह जैसे-जैसे आगे जाएगा बीज गिरकर बाद में पौधे हो जाएंगे. 04 नमी डिटेक्टर – इससे जो मिट्टी की नमी होगी उसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी. फायदा यह रहेगा की मिट्टी को जरूरत के हिसाब से पानी मिलेगा. तत्पश्चात पानी का बचत भी होगा.
इसको बनाने में कुछ सामान छोड़कर अधिकतर सामान घर के प्रयोग किए गए हैं. ये बोल विशेषज्ञ… श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के कृषि एवं मृदा विभाग के विशेषज्ञ प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बच्चें ने काफी अच्छा प्रयास किया है. यह कहीं न कहीं किसानों के लिए अच्छी सोच है. यह किसानों के लिए काफी उपयोगी है. बच्चों का यह पहल कहीं न कहीं किसानों के हित से बिल्कुल जुड़ा हुआ है. किसान बैठे-बैठे आसानी से अपने खेत में अच्छा कार्य कर पाएंगे। इस प्रतिभाव छात्र प्रशांत कुमार के हुनर और इस कृषि रोबोट बनाने की पुष्टि Sunbeam.Sch. केडायरेक्टर अरुण कुमार गामा ने भी कि है।