नीति आयोग के सुझाव पर उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र को एक विकसित योजना क्षेत्र के रूप में आगे बढ़ाने जा रही है। यह क्षेत्र सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वाराणसी और प्रयागराज दोनों ही प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक नगरीयां हैं। इन दोनों शहरों का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, और इसलिए इस परियोजना को धार्मिक नगरी के रूप में भी देखा जाएगा वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, और प्रयागराज, जिसे संगम नगरी के रूप में जाना जाता है, दोनों शहर भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। यूपी सरकार इस योजना के तहत इन शहरों को और भी अधिक समृद्ध और विकसित करने की दिशा में काम करेगी। इन शहरों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, आधारभूत सुविधाओं को सुधारने, और आधुनिक सुविधाओं का विकास करने के उद्देश्य से यह योजना बनाई जा रही है इस परियोजना का उद्देश्य इन क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करना और इन क्षेत्रों की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है। इसके अलावा, विकास योजनाओं में यातायात, आवास, जल आपूर्ति, सफाई, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे इन शहरों का समग्र विकास हो सके और ये और भी आकर्षक बन सकें। इस कदम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होने की संभावना है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी
नीति आयोग के सुझाव पर यूपी सरकार वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करेगी
नीति आयोग के सुझाव पर उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र को एक विकसित योजना क्षेत्र के रूप में आगे बढ़ाने जा रही है। यह क्षेत्र सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वाराणसी और प्रयागराज दोनों ही प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक नगरीयां हैं। इन दोनों शहरों का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, और इसलिए इस परियोजना को धार्मिक नगरी के रूप में भी देखा जाएगा वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, और प्रयागराज, जिसे संगम नगरी के रूप में जाना जाता है, दोनों शहर भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। यूपी सरकार इस योजना के तहत इन शहरों को और भी अधिक समृद्ध और विकसित करने की दिशा में काम करेगी। इन शहरों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, आधारभूत सुविधाओं को सुधारने, और आधुनिक सुविधाओं का विकास करने के उद्देश्य से यह योजना बनाई जा रही है इस परियोजना का उद्देश्य इन क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहित करना और इन क्षेत्रों की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है। इसके अलावा, विकास योजनाओं में यातायात, आवास, जल आपूर्ति, सफाई, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे इन शहरों का समग्र विकास हो सके और ये और भी आकर्षक बन सकें। इस कदम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होने की संभावना है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी