यूपी के जालौन में देश के इतिहास में वीरता की बात हो और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम न आए ऐसा तो हो ही नही सकता है उनकी वीरता की कहानी हर व्यक्ति के जुवान पर होती है बुन्देलखण्ड की पहिचान ही रानी लक्ष्मीबाई की वीरता से ही है वो एक ऐसी वीर महिला थी कि उनकी वीरता की तारीफ दुश्मन भी करते थे लेकिन इतिहास में सबसे ज्यादा चर्चा उनकी कुशल रणनीति की होती है क्योंकि उन्होंने अपनी कुशल रणनीति के कारण ही अंगेजो के दांत खट्टे किए थे वह अपने सेना के भरोसेमंद सेना सेनापतियों व सहयोगी क्रांतिकारियों के साथ किस जगह किस स्थान पर मिलकर युद्ध की रणनीति बनाती थी इसके बारे में लाख कोशिशों के बाद भी अंग्रेज पता नही कर सके थे।
जालौन जनपद के नगर जालौन में पतंगेश्वर मन्दिर गुढ़ा के नाम से प्रसिद्ध एक ऐसा स्थान मौजूद है जो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता व कुशल रणनीति बनाने का साक्षी है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ पर रानी लक्ष्मीबाई अपने भरोसेमंद सेना प्रमुखों व तात्या टोपे जैसे क्रन्तिकारियों के साथ गुप्त मन्त्रणा करती थी अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई की रणनीति बनाती थी इस स्थान पर एक साथ कई सुरंगों का मिलान होता था और इसी जगह से उन सुरंगों के माध्यम से अलग अलग जगह जाया जा सकता था जब रानी लक्ष्मीबाई किसी विशेष मन्त्रणा के लिए अपने क्रान्तिकारी सहयोगियों को बुलाती थी तो वो क्रांतिकारी इन्ही सुरंगों के माध्यम से यहां पहुँचते थे और अंग्रेजो के खिलाफ रणनीति बनाते थे इन गुप्त सुरंगों के बारे में अंग्रेज लाख कोशिशों के बाद भी कभी पता नही चला सके थे ।