उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछले 22 सालों से संगम किनारे झूसी हवेलियां स्थित देवनारायण आश्रम में आयोजित किया जा रहे सहस्त्रचंडी महायज्ञ भाजपा नेता और ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहे हैं।सहस्त्रचंडी महायज्ञ में 125 आचार्य दुर्गासप्तशती का पाठ कर रहे हैं। दो दिवसीय यह महायज्ञ 22 सालों से आयोजित किया जा रहा है। इस साल यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है इसलिए इस बार के महायज्ञ को रामोत्सव नाम दिया गया है।
125 आचार्य कर रहे हैं दुर्गा शप्तशती का पाठ
पुराणों में वर्णित पवित्र समुद्रकूप के निकट स्थित इस आश्रम में 125 आचार्य दुर्गा शप्तशती का पाठ कर रहे हैं। आज दोपहर 3:39 बजे से हवन होगा जिसमें हजारों लोग भाग लेंगे। इसके बाद भंडारा होगा इस भंडारे में बड़ी संख्या में दंडी संन्यासी साधु महात्मा शामिल होंगे।
कार्यक्रम के आयोजन आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला का कहना है कि भगवान राम का भी जन्म यज्ञों से हुआ है। यज्ञों की रक्षा के लिए ही भगवान राम को ऋषि वशिष्ठ वन ले गए थे। यह वह भूमि है जिसे भगवान राम को रास्ता दिखाया,जीवन दर्शन दिया। 13000 वर्ष पूर्व रचित मार्कंडेय पुराण में दुर्गा सप्तशती का वर्णन आता है। आसुरी शक्तियों के नष्ट और सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया जाता है। कहां गया है कि जिस प्रकार की भी आप कामना करेंगे उसकी मां भगवती की आराधना सहस्त्रचंडी यज्ञ आहुति डालने से निश्चित ही प्राप्ति होगी। इसलिए हमारे देश में यज्ञ का काफी महत्व है। यज्ञ सभी फल और मनोकामना पूर्ण करने वाला है। यही कारण है कि यहां हर साल सर्व धर्म सद्भाव जन कल्याण के लिए सहस्त्रचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है।