Report By-Vidya Prakash Bharti Mirzapur (UP)
यूपी के मिर्ज़ापुर में भव्य राम मन्दिर आंदोलन में अहम भूमिका अदा करने वाले अशोक सिंघल को प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के दौरान याद किया जा रहा है। उनके अनन्य सहयोगी रहे फायर ब्रांड नेता मनोज श्रीवास्तव ने ICN संवाददाता से वार्ता करते हुए भव्य मन्दिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर हर्ष जताया। कहा कि पीसीएस प्री परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद अपना जीवन रामकाज में अर्पित कर दिया।
उस वक्त सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा की डिग्री लेकर खुद पढ़ते और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे।
आरएसएस में आम कार्यकर्ता के रुप में प्रवेश कर
संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। सिंघल जी के कहने पर वह बजरंग दल से जुटे। नगर संयोजक से लेकर प्रांत संयोजक बने। उस वक्त प्रदेश में महज दो प्रांत थे। आज 6 प्रांत हैं। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद में प्रांत संगठन मंत्री का दायित्व देकर विहिप नेता अशोक सिंघल ने अपनी टीम में शामिल कर लिया। उनके कहने पर ही श्री श्रीवास्तव भाजपा में शामिल हो गए। 3 अगस्त 2015 को विश्व हिंदू परिषद ने प्रयागराज में विदाई समारोह रखा। जिसमें अशोक सिंघल ने मनोज को आशीर्वाद दिया । जिन्हें भाजपा ने प्रदेश कार्य समिति सदस्य बनाया । सेवा से राजनीति में आए फायर ब्रांड नेता मनोज श्रीवास्तव के तेवर से वाक़िफ़ पार्टी में घुसे नेता इन्हे दर किनार करने में लग गए।लिहाजा पार्टी में उपेक्षा आरम्भ कर दिया गया। जिसके चलते वह 2022 में बागी बन गए। नगर निकाय चुनाव में निर्दल प्रत्याशी श्री रुप में कूद पड़े। जीत के लिए कई मंत्री ने मोर्चा सम्हाला तब कही महज करीब साढ़े चार हजार से भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली।
जन और राष्ट्र सेवा कार्य को पहली पसंद रखने वाले मनोज श्रीवास्तव राष्ट्रवादी मंच के बैनर तले उनका सेवा कार्य जारी है।
राम मन्दिर आंदोलन के दौरान 1990 में वह पुलिस को चकमा देकर घर के सामने से निकल गए थे। हुआ यह कि जिला कारागार में राम ज्योति पहुंचाने के बाद वह जिला प्रशासन की नजर में चढ़ गए। तत्कालीन कटरा कोतवाली प्रभारी दल बल के साथ उन्हें पकड़ने पहुंचे। उस वक्त मनोज साइकिल से ट्यूशन पढ़ाने के लिए निकल रहे थे। पुलिस ने उनसे मनोज का घर पूछा। उन्होंने अपना घर बताया। इसके बाद साइकिल चलाते हुए निकल गए। पुलिस उनके घर पहुंची। उनकी माँ ने बताया अभी तो साइकिल से बाहर गया है। कुछ ही दिन बाद 45 युवाओं के साथ अयोध्या जाते समय पुलिस ने सभी को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जौनपुर अस्थायी जेल भेज दिया। करीब 20 दिन जेल में रहे। तेजतर्रार, दमदार, स्वाभिमानी नेता मनोज श्रीवास्तव जुगाड़ की राजनीति करने वालों की आँख की किरकिरी बन गए।
जेल में दौरान गंगा सागर दुबे, लाल बहादुर सिंह, अंबरीश सिंह, विधायक गुलाब सिंह, साकेत पांडेय, मनोज जायसवाल, संजय जायसवाल, कमलेश तिवारी एवं पारसनाथ सिंह आदि जेल के साथी रहे।