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UP -रामपुर की नहरों की साफ सफाई में करोड़ो खर्च फिर भी नहरों से किसान को नहीं मिली पानी की एक बूंद

यूपी के रामपुर में सत्ता कई बार बदलीं लेकिन नहर विभाग का निजाम नहीं बदला। हर साल नहरों की साफ सफाई में करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है लेकिन ज्यादातर किसानों को नहरों में पानी की बूंद नहीं मिलती। किसानों को अपनी फसलें पम्पसेट से सींचनी पड़ती है। बिलासपुर, मिलक, शाहबाद, स्वारटांडा विधानसभा में 60 प्रतिशत लोगों के लिए 2 दर्जन से ज्यादा बड़ी नहरें जबकि 20 नहरें माइनर नहरें हैं । बड़ी नहरों में जो पानी कभी कभार आता है तो वह टेल तक नहीं पहुँच पाता जिससे किसानों को पानी की बूंद नहीं मिलती ।

बिलासपुर के किसानों ने बताया पानी का प्रेशर कम होने के कारण पम्पसेट नहरों में लगाकर फसलें सींचते हैं बाकी लोग बोरिंग में पम्पसेट लगाकर नहरों के भरोसे तो फसलें सूख जाएंगी नहरों में पानी आता ही नहीं है।नहरों की साफ सफाई हर वर्ष होती है जबकि पानी किसी साल नहीं आता जिससे नहर साफ करने वाले विभाग को ही फायदा होता है किसान का कोई फायदा नहीं।

मिलक शाहबाद समेत अन्य विधानसभा के लोगों का कहना है हमने बहुत बार शिकायतें कीं लेकिन सुनवाई नहीं होती अगर होती तो 37 साल बाद पानी आ जाता लेकिन पानी है कि नहरों में नज़र नहीं आ रहा जनप्रतिनिधियों ने भी वादा खिलाफी की है हर बार कहतें हैं नहरों में पानी आएगा लेकिन पानी की बूंद फसलों को सींचनें के लिए नहीं पानी देखने को भी नहीं मिलता।

एक्ससीएन नहर विभाग का कहना है हमारे पास जो डेम है पानी जितनी मात्रा में हमको मिलता है समय समय पर छोड़ते हैं, कई जगह नहरें टूटी हैं कई जगह नहरों को पाटकर कब्जे किये नहरों को चालू कराया है पानी के लिए जद्दोजहद कर रहें हैं उम्मीद है जल्द किसानों को पानी मिलेगा।

किसानों ने अब सरकार से उम्मीद करना ही बंद कर दी है। जिस नहर में 37 वर्षों से पानी की बूंद देखने को ना मिली हो भला अब उन्हें कौन सी सरकार पानी दिला देगी नहरों में इसी बात को लेकर अब किसानों ने उम्मीद करना ही बंद कर दी है।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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