यूपी के कौशाम्बी जनपद के सिराथू तहसील अंतर्गत उचरावां गांव की रहने वाली एक बेटी को वीरगाथा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार देश के 100 प्रतिभाशाली बच्चों को दिया जाता है। जिन्होंने देश के वीर सपूतों के बारे में कहानियां लिखकर समाज के सामने सैनिक की वीरता और शौर्य को प्रदर्शित किया है।
नई दिल्ली में यह पुरस्कार कल्पना चौरसिया को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया। अवार्ड मिलने के बाद बेटी के परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे है। सिराथू के उचरावा गांव की रहने वाली कल्पना चौरसिया पुत्री बनवारी लाल चौरसिया पथरावा गांव के रामधनी मौर्या इंटर कालेज की 12 वीं की छात्रा है।
कल्पना के पीटा बनवारी लाल पेशे से छोटे किसान है। मां साधना ग्रहणी है। माता पिता ने बेटी को पढ़ाने के लिए मेहनत मजदूरी तक करते है। पिता बनवारी लाल के मुताबिक, बेटी कल्पना पढ़ाने में होशियार है। उसकी लेखन शैली के चलते स्कूल के अध्यापकों ने देश के सैनिकों की वीरगाथाएं लिखने के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद कल्पना ने कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों की वीरता व पराक्रम के शौर्य को कागज पर अपनी रचनात्मक शैली के जरिए लिखा। जो देश के गलेंट्री अवार्ड “वीरगाथा” के लिए चुनी गई। नई दिल्ली के डिफेंस मिनिस्ट्री से आए एक पत्र में कल्पना को अवार्ड दिए जाने की जानकारी हुई। कल्पना चौरसिया ने नई दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के बाद देश के रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह से गलेंट्री अवार्ड वीरगाथा को लिया। कल्पना चौरसिया के मुताबिक, वह अपने पिता के साथ अवार्ड लेने दिल्ली पहुंची है। अवार्ड लेकर उसे बड़ी खुशी मिली है। वह आगे की पढ़ाई जारी रख कर देश की सेवा में सेना का हिस्सा बनेगी। कहानियां लिखने की प्रेरणा उसे अपनी मां से मिली। जो उसे बचपन से कहानियां सुना का बड़ा करती चली आई है। निजी कालेज के प्रिंसिपल अशोक मौर्या की स्कूली छात्रा के पुरस्कृत होने पर बेहद खुश है। उनके मुताबिक वह अपने कालेज में बेटियों को कल्पना को रोल माडल बना कर अन्य लड़कियों को प्रेरणा देगे। ताकि हर बेटी शिक्षा ग्रहण कर देश समाज का नाम उचाईयो पर ले जाय।