Report By-Saurabh Tripathi Hardoi(UP)
यूपी के हरदोई में ठंड की दस्तक की आहट का आभास होने लगा है चारों तरफ हल्की धूप खिली खिली होने लगी है तापमान का उतार-चढ़ाव करते-करते अच्छी ठंड भी आ जाएगी। इन सभी दस्तको के साथ एक आहट इन मूंगफली विक्रेताओं से भी मिलती है जो रोड साइड अपने ठेला लगाने लगे हैं। ठेले पर बड़ी-बड़ी कढ़ाईयां बालू से भरे हुए ज़लते हुए चूल्हे पर रखे हुए हैं और कच्ची मूंगफली मध्यम आँच पर भूनी जा रही है। भुनी हुई मूंगफली की खुशबू चारों तरफ बाजार में फैल गई है।
जैसे-जैसे ठंडी पूर्ण रूप से आ जाएगी इन मूंगफली विक्रेताओं के ठेलों की संख्या बढ़ जाएगी। ठंडी का सबसे अच्छा शाम का नाश्ता भुनी हुई मूंगफली होती है जो स्वास्थ्यकर होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होती है। वैसे ट्रेन या बस में सफर करने वालों से इसका पुराना नाता है यह सफर करने वालों का सबसे अच्छा साथी होता है। बातचीत करते रहो और मूंगफली खाते रहो कब आपका गंतव्य स्थल आ जाए आपको पता भी नहीं चलता है इसीलिए टाइम पास करने का सबसे अच्छा साथी मूंगफली को कहा जाता है। इसके साथ मिलने वाला नमक और चटनी के साथ भूनी हुई मूँगफली खाओ तो मजा ही दोगुना हो जाता है। वहीं ठंड बढ़ने के साथ ही बाजार में गजक, मूंगफली पट्टी, तिल पट्टी और नमकीन आयटमों की खपत बढ़ गई है। मंहगे देने के बाद भी इन सामानों की गुणवत्ता सही नहीं मिलने से उपभोक्ताओं खासा आक्रोश देखा जा रहा है। खाद्य सामग्री बनाने वाली बगैर पंजीकृत कंपनी के पैकेट पर मनमाना भाव अंकित करने पर प्रशासन का कंट्रोल नहीं होने से व्यापारी भी इन्हे उपभोक्ताओं को मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। नामचीन कंपनी के ब्रांडेड गजक में शुद्धता पर ध्यान नहीं देने से ग्राहकों की मुश्किलों में इजाफा हो गया है। जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में यदि कहीं से भी शिकायत मिलती है, तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बाजार या अन्य जगहों पर बिकने वाले गजक, मूंगफली पट्टी, तिल पट्टी गजक तथा अन्य सामग्री को तैयार करने वाली सामग्री सस्ती होने के बाद भी ग्राहकों को इन्हे लागत से तीन से चार गुना अधिक दाम पर खरीदना पड़ रहा है। बेनीगंज में रहने वाले संजय तिवारी ने बताया कि ठंड के दिनों में तिल एवं गुड़ से निर्मित खाद्य सामग्री का निर्माण करने के दौरान इसकी शुद्धता पर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने से हम ग्राहकों को भारी कीमत अदा करके भी गुणवत्ताविहीन खाद्य सामग्री खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि इन खाद्य सामग्री पर मनमाना एमआरपी प्रिंट करा कर ग्राहकों से खुल कर ठगी की जा रही है। इन पर कार्रवाई जरूरी है।