Report By : Sachin Yadav (Kasganj UP)
कासगंज जिले में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर क्षेत्राधीश भगवान वराह अपने भक्तों के संग गुलाल व पुष्पों से होली खेलेंगे। इस दिन से लेकर 30 मार्च रंग पंचमी तक शूकरक्षेत्र में 40 दिवसीय होली महोत्सव प्रारंभ हो जायेगा। बसंत पंचमी उत्सव की तैयारियां वराह मंदिर में जोर शोर से चल रहीं हैं।
मंदिर सेवायत पं. नरेश त्रिगुणायत ने बताया कि वराह मंदिर में बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम बसंती वस्त्राभूषणों में सजे भगवान वराह की श्रृंगार सेवा के अंतर्गत गुलाल अर्पित किया जायेगा। हुरियारे स्वरूप में दर्शन दे रहे भगवान वराह को पंच मेवा युक्त केसरिया मोहन भोग का विशेष भोग लगाया जाएगा। बसंत पंचमी पर भगवान वराह को गैंदा गुलाब के सुगंधित फूलों की माला धारण कराई जाएगी। वराह मंदिर में बसंत पंचमी पर सुबह 9 से 11 बजे तक महिला श्रद्धालु प्रभु वराह को बसंत आगमन के पद सुनाएंगीं। इस पर्व पर समूचा मंदिर विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्पों, रंग बिरंगे गुब्बारे व कपड़ों से सजाया जाएगा और सुगंधित इत्रों का छिड़काव किया जायेगा। सुबह 11 बजे से 12 बजे तक मंदिर के गर्भगृह से श्रद्धालुओं पर सेवायतों द्वारा अबीर गुलाल की वर्षा की जाएगी। इस दिन भगवान वराह को मेवा केसर युक्त खीर और मोहन भोग का विशेष भोग लगाया जाएगा। भगवान वराह के मस्तक, गालों पर लाल गुलाल के बिंदे लगाए जायेंगे। भक्तों को मीठे पान प्रसाद स्वरूप दिए जायेंगे।
बसंत पंचमी के दिन से ही शूकर क्षेत्र में 40 दिनों तक चलने वाला फाग महोत्सव शुरू हो जाता है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीणों क्षेत्रों में फाग खेलने की यह परंपरा आज भी जीवित है। 20 मार्च को रंगभरी एकादशी से 24 मार्च पूर्णिमा तक सरस रंगीली होली का आयोजन होगा। 25 मार्च को धुलैडी के दिन हुरियारों की टोलियां गाजे बाजे के साथ सभी होलिका दहन स्थलों से निकलेंगी। 30 मार्च को रंग पंचमी के दिन गंगा वराह भक्त समिति के तत्वाधान में आओ खेलें गंगा वराह होली महोत्सव का आयोजन होगा। महोत्सव के संयोजक सतीश चन्द्र भारद्वाज ने बताया कि इस दिन मां गंगा व भगवान वराह के आकर्षक डोलों के साथ दर्जन भर अन्य मनोहारी झांकियां नगर भ्रमण करेंगी। शोभायात्रा मार्ग पर भक्तजन रंग गुलाल से होली खेलेंगे। महोत्सव के लिए 20 कुंतल गुलाल मंगा लिया गया है।