Report By-Sayed Asif Hussain Zaidi Ballia(UP)
यूपी के बलिया में एक फिल्म का मशहूर गाना है जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों। यह मार्मिक घटना करकड़ाती ठंड में फ्लाईओवर पर पड़े एक व्यक्ति की है। 3 साल बाद अपने इस भूले परिवार के सदस्य को जिंदा देख कर परिवार जन फफक-फफक कर रो पडे़, है जी हां ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला बलिया के फ्लाईओवर पर, कड़ाके की ठंड है ऐसे में शासन के आदेश पर बलिया जिला प्रशासन सड़कों पर उतरकर, सड़कों पर रहने वाले लोगों को ठंड से बचाने का प्रयास करता दिखा बात अगर जिला अधिकारी रविंद्र कुमार की करें तो बीती रात अपने आवास से बाहर निकले, और निकल पड़े उन लोगों को ठंड से बचाने, जिनका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है ।
हम आपको जो तस्वीर दिखा रहे हैं ज़रा गौर से देखिए इस तस्वीर में जिलाधिकारी बलिया अपने दल बल के साथ बलिया सिटी मे स्थित इकलौते फ्लाई ओवर पर ककड़ाती ठंड में बैठे एक व्यक्ति को रैन बसेरे में ले जाने की प्रयास करते हैं, लेकिन जिलाधिकारी ने एक बार भी नहीं पूछा कि आप कौन हैं कहां से आए हैं और इतनी रात को इस ठंड में क्या कर रहे हैं। खै़र इस वीडियो से जुड़ी एक कहानी सामने निकल कर आयी दरअसल इसी रात इस व्यक्ति को ले जानें के लिए लगभग 3 साल बाद उसके परिवार बलिया आ रहे थे ।इसकी जानकारी तब हुई जब युवा समाजसेवी सागर सिंह राहुल ने प्रेस प्रतिनिधि को को बताया की. फ्लाईओवर पर रहनें वाला व्यक्ति सिद्धार्थ नगर का रहनें वाला है और हम दो दिनों से इस व्यक्ति की पहचान करनें में जुटे थे जिसका पता चल गया है, उसके परिजनों की तलाश कर ली गई है और उसके परिजन बलिया उसे लेने के लिए आ रहे। हैं न चौंकानें वाली बात जो जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है कि ऐसे भूले भटके लोगों को उनके घर तक पहुंचानें कि वह जिम्मेदारी पिछले एक वर्षों से कोई और निभा रहा है, दो दर्जन से अधिक सड़क पर रहनें वाले लोगों को उनके परिवार से मिलाने वाले सागर सिंह राहुल ने एक बार फिर इंसानियत का मिसाल बनते हुए उस व्यक्ति को उसके परिवार से मिला दिया, जिसके सामने डीएम साहब खड़े होकर रैन बसेरे में चलने की बात कह रहे थे, दो टूक में कहे तो ऐसे मामलों पर प्रशासन के द्वारा खानापूर्ति कैसे की जाती है आप इस तस्वीर को देखा अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन साहब नें एक बार भी न पूछा कि आप कौन हैं और कहां से आए हैं। खैर देर रात इस व्यक्ति के परिजन बलिया आये और लगभग 3 साल बाद अपने इस भूले परिवार के सदस्य को जिंदा देख कर फफक-फफक कर रोये पडे़, फिर क्या था सागर और उनके मित्रो ने उनके परिवार से मिलाया पहचान कराया और धन्यवाद कहते हुए अपने सदस्य को घर लेकर चले गए। सागर सिंह ने बताया की विगत दो वर्षो से लापता मलेशिया रिटर्न वीरेंद्र कुर्मी जी, जिनके 3 भाई नेपाल रहते है व पुत्र मुंबई, और घर सिद्धार्थनगर में है पर किन्ही कारणों से घर छोड़ निकल सड़कों पर अपना जीवन यापन कर रहे थे आज दो,3 वर्षो बाद इनके परिजन सिद्धार्थनगर से रात ढ़ाई बजे बलिया पहुंच इन्हे वापस अपनें घर ले जाने को आए।