यूपी का जनपद बिजनौर जो आज भी गन्ने की मिठास के लिए मशहूर है।लेकिन गन्ने की मिठास धीरे धीरे फीकी पड़ती जा रही है।क्योंकि गन्ने की खेती करने से किसान को शुगर मिल से समय से भुगतान नही मिलता,जबकि अन्य खेती करने से किसान को नकद पैसे के साथ साथ गन्ने के मुकाबले अन्य खेती करने से खूब इनकम होती है।
बिजनौर के अगरी गाँव का नौजवान अखिलेश चौधरी पिछले कई सालों से गन्ने की खेती छोड़कर खिल ख़िलाती फूलों की खेती कर रहा है।जिससे अखिलेश चौधरी को सालाना लाखों रुपए की नगद इनकम हो रहा है। बिजनौर से पांच किलोमीटर की दूरी पर बसा अगरी गाँव जहा किसान अखिलेश चौधरी वर्ष 2016 से गन्ने की खेती छोड़कर फूलों की खेती कर रहे है।
अखिलेश चौधरी किसान का कहना है गन्ने की खेती न करने की सबसे बड़ा कारण शुगर मिलों का समय से पैसा ना देना।शुगर मिल से समय से पैसा ना मिलने के कारण किसानों के सामने कई समस्या पैदा हो जाती है फूलों की खेती करने की जो सबसे अच्छी बात है,यह है कि कैश क्रॉप है मंडी में फूल बेचा जाए या फिर फूलों की सप्लाई बाहर की जाए सब जगह कैश पेमेंट आता है।