राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश की 27,308 शराब और भांग की दुकानों की ई-लॉटरी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इस संबंध में आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह ने जानकारी दी कि ई-लॉटरी के लिए पंजीकरण और आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आबकारी विभाग के ऑनलाइन पोर्टल https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in पर पंजीकरण और आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 21 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति आवेदन करने के पात्र होंगे। ई-लॉटरी 6 मार्च को खोली जाएगी।
अनुज्ञापियों को नवीनीकरण का विकल्प भी मिलेगा
चयनित अनुज्ञापियों को वर्ष 2026-27 में नवीनीकरण का विकल्प भी दिया जाएगा। अब तक कुल 903 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और सरकार को 4.49 करोड़ रुपये की फीस जमा हो चुकी है।
नई आबकारी नीति के तहत सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा, प्रदेश में पहली बार अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की संयुक्त दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है।
कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी
यह उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी को कैबिनेट द्वारा नई आबकारी नीति को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके तहत, राज्य में छह वर्षों के बाद आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब की दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रक्रिया से आवेदन करने वाले व्यापारियों की संख्या में वृद्धि होगी और सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलने की संभावना है।
लाइसेंस शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। देशी शराब की दुकानों के लिए पांच श्रेणियों में आवेदन शुल्क 40,000 से 65,000 रुपये तय किया गया है, जबकि कम्पोजिट दुकानों के लिए यह 55,000 से 90,000 रुपये निर्धारित किया गया है। मॉडल शॉप के लिए आवेदन शुल्क 60,000 से 1,00,000 रुपये रखा गया है, वहीं भांग की दुकानों के लिए सभी श्रेणियों में 25,000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
शराब की कीमतों में आ सकती है गिरावट
नई नीति में किए गए बदलावों के चलते शराब व्यापारियों के पास पहले से मौजूद स्टॉक को खत्म करने के लिए कीमतों में कमी की जा सकती है। फरवरी और मार्च के महीने का कोटा अभी भी बचा हुआ है, जिससे व्यापारी स्टॉक क्लियर करने के लिए दरों में कटौती कर सकते हैं।
इसके अलावा, नई नीति के कारण छोटे व्यापारियों के कारोबार पर असर पड़ने की आशंका है। इस स्थिति में, वे अपना कोटा निकालने के लिए शराब की कीमतों को कम करने का निर्णय ले सकते हैं।
यूपी में अब शराब की दुकान खोलना हुआ सरल, आम नागरिक भी कर सकते हैं आवेदन… योगी सरकार ने लागू की नई व्यवस्था
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश की 27,308 शराब और भांग की दुकानों की ई-लॉटरी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इस संबंध में आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह ने जानकारी दी कि ई-लॉटरी के लिए पंजीकरण और आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आबकारी विभाग के ऑनलाइन पोर्टल https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in पर पंजीकरण और आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 21 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति आवेदन करने के पात्र होंगे। ई-लॉटरी 6 मार्च को खोली जाएगी।
अनुज्ञापियों को नवीनीकरण का विकल्प भी मिलेगा
चयनित अनुज्ञापियों को वर्ष 2026-27 में नवीनीकरण का विकल्प भी दिया जाएगा। अब तक कुल 903 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और सरकार को 4.49 करोड़ रुपये की फीस जमा हो चुकी है।
नई आबकारी नीति के तहत सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा, प्रदेश में पहली बार अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की संयुक्त दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है।
कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी
यह उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी को कैबिनेट द्वारा नई आबकारी नीति को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके तहत, राज्य में छह वर्षों के बाद आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब की दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रक्रिया से आवेदन करने वाले व्यापारियों की संख्या में वृद्धि होगी और सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलने की संभावना है।
लाइसेंस शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। देशी शराब की दुकानों के लिए पांच श्रेणियों में आवेदन शुल्क 40,000 से 65,000 रुपये तय किया गया है, जबकि कम्पोजिट दुकानों के लिए यह 55,000 से 90,000 रुपये निर्धारित किया गया है। मॉडल शॉप के लिए आवेदन शुल्क 60,000 से 1,00,000 रुपये रखा गया है, वहीं भांग की दुकानों के लिए सभी श्रेणियों में 25,000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
शराब की कीमतों में आ सकती है गिरावट
नई नीति में किए गए बदलावों के चलते शराब व्यापारियों के पास पहले से मौजूद स्टॉक को खत्म करने के लिए कीमतों में कमी की जा सकती है। फरवरी और मार्च के महीने का कोटा अभी भी बचा हुआ है, जिससे व्यापारी स्टॉक क्लियर करने के लिए दरों में कटौती कर सकते हैं।
इसके अलावा, नई नीति के कारण छोटे व्यापारियों के कारोबार पर असर पड़ने की आशंका है। इस स्थिति में, वे अपना कोटा निकालने के लिए शराब की कीमतों को कम करने का निर्णय ले सकते हैं।

