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यूपी में शराब दुकानों के आवंटन में बड़ा बदलाव, IIT के सॉफ्टवेयर से हुआ चयन; जानिए पूरी प्रक्रिया

Report By : ICN Network

नई आबकारी नीति के अनुसार अब अंग्रेजी शराब और बीयर एक ही दुकान पर उपलब्ध होगी। इसके लिए कंपोजिट शॉप का आवंटन किया गया है। गुरुवार को शराब दुकानों का आवंटन आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित सॉफ़्टवेयर के माध्यम से किया गया। यह प्रक्रिया जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुई। ई-लॉटरी के जरिये 382 देशी शराब, 330 कंपोजिट, 11 मॉडल शॉप और 45 भांग दुकानों का आवंटन किया गया।

नई आबकारी नीति के तहत अब अंग्रेजी शराब और बीयर एक ही दुकान पर उपलब्ध होगी। इस बार इसके लिए कंपोजिट शॉप का आवंटन किया गया है। गुरुवार को कैलाश भवन सभागार, सीएसए विश्वविद्यालय में आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित सॉफ़्टवेयर के माध्यम से शराब दुकानों का आवंटन किया गया। इस प्रक्रिया को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में और प्रेक्षक के रूप में अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव की उपस्थिति में संपन्न किया गया।

जिला प्रशासन के अनुसार, देशी शराब की 382 दुकानों के लिए कुल 6204, 331 कंपोजिट दुकानों के लिए 2789, मॉडल शॉप की 11 दुकानों के लिए 144 और भांग की 46 दुकानों के लिए 175 आवेदक ई-लॉटरी प्रक्रिया में शामिल हुए।

आईआईटी के सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम के तहत सुबह 10 से 11:45 बजे के बीच सिमुलेशन और रैंडमाइजेशन प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद ई-लॉटरी के माध्यम से 382 देशी शराब की दुकानों, 330 कंपोजिट शॉप, 11 मॉडल शॉप और 45 भांग दुकानों को सफल आवेदकों को आवंटित किया गया।

क्रम संख्या 313 पर स्थित देवहा कंपोजिट शॉप (आईडी 39156) और क्रम संख्या 30 पर दबौली भांग दुकान (आईडी 60744) के परिणाम में ब्लैंक या खाली दिखाया गया। इसका अर्थ यह है कि इन दुकानों के आवेदकों को पहले ही दो अन्य दुकानें आवंटित हो चुकी हैं। इन दुकानों को अगले चरण की लॉटरी में शामिल किया जाएगा।

शराब दुकानों से सरकार द्वारा लगभग 65 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी रखा गया है।

जिला आबकारी अधिकारी राजेश सिंह के अनुसार, सिमुलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें यदि किसी दुकान के कुल आवेदकों के बीच 10,000 बार भी लॉटरी निकाली जाए, तो परिणाम लगभग समान ही रहेगा। इसी तरह, अंतिम परिणाम को रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से घोषित किया जाता है। किसी भी प्रकार की शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया एक बार पूरी होने के बाद इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं होती।

आबकारी विभाग ने शराब, कंपोजिट शॉप और भांग दुकानों के आवंटन के लिए आवेदकों द्वारा जमा की गई धनराशि से 45 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। जिले के लिए कुल दो हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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