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UP-मूंज क्राफ्ट ने बदली अमेठी की किरण की किस्मत,पड़ोसी से कर्ज लेकर शुरू किया था कारोबार

यूपी के अमेठी में किरण ने घर की जिम्मेदारियां को संभालने के साथ एक प्रदर्शनी के दौरान समूह में काम करने का मन बनाया. उसके बाद किरण ने पड़ोसी से 20 हजार का कर्ज लेकर अपने व्यवसाय की शुरुआत की. वर्तमान समय में 150 महिलाएं उजाला किरण समूह में काम कर है।मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है”.

अमेठी की एक महिला किरण ने घर की दहलीज लाघंकर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि सैकड़ों महिलाओं को रोजगार दिया. मूंज क्राफ्ट के समूह के जरिए महिला किरण ने अलग-अलग काम शुरू किया जिसमें डलिया, टोकरी , पेन बॉक्स, रोटी रखने के डब्बे, कुर्सी, दरी, चटाई बनना शामिल है. अब तक सैकड़ों महिलाएं इस रोजगार अभियान से जुड़ी है और उन्हें फायदा हो रहा है.अमेठी के जायस क्षेत्र के चौधराना मोहल्ले की रहने वाली किरण की. किरण ने महज इटंर तक की पढ़ाई की है. किरण ने घर की जिम्मेदारियां को संभालने के साथ एक प्रदर्शनी में समूह में काम करने का मन बनाया. उसके बाद किरण ने पड़ोसी से 20 हजार का कर्ज लेकर अपने व्यवसाय की शुरुआत की. वर्तमान समय में 150 महिलाएं उजाला किरण समूह में काम कर है.मूंज क्राफ्ट तक सीमित नहीं है महिलाएंखास बात यह है कि महिलाएं सिर्फ मूंज क्राफ्ट के समान तक ही सीमित नहीं है. महिलाओं द्वारा मूंज क्राफ्ट के सामानों में डलिया, टोकरी , पेन बॉक्स, रोटी रखने के डब्बे, कुर्सी, दरी चटाई बनाने के साथ अचार, मुरब्बा, सिरका, बिस्किट, नमकीन के साथ कपड़े और मिट्टी के बर्तन भी तैयार किए जाते हैं.

महिलाओं के सामानों की बिक्री अमेठी जिले के साथ-साथ कई जिलों में होती हैइतनी है डेली कमाईकिरण बताती हैं कि मेरे समूह में 150 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं. समय-समय पर प्रदर्शनी के अलावा भी सामानों की बिक्री की जाती है. इन सामानों की बिक्री ऑनलाइन भी होती है. पहले जब हम सब समूह में नहीं थे तो दिक्कतें थीं. लेकिन अब हमें फायदा हो रहा है.हमारे समूह में जुड़ी प्रत्येक महिला1 से 2 हजार रुपये प्रतिदिन कमा लेती है.

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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