आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी की इस वर्चुअल पेशी के दौरान गैंगेस्टर के मुकदमे का गवाह नहीं आया था। गवाह एफआईआर लेखक था, जो कोर्ट में हाजिर नही हुआ। इस दौरान कभी अपनी गवाहों को घूर कर देखने वाले माफिया मुख्तार अंसारी ने अपनी आंख खराब होने की बात जज को बताई। जज से लगाई ये गुहार
मुख्तार ने गुहार लगाते हुए कहा कि जज साहब मेरी दाहिनी आंख में मोतियाबिंद हो गया है, इलाज करवा दीजिए। जेल प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है। मुख्तार की बात सुनकर मामले की सुनवाई कर रहे जज कमलकांत श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए प्रार्थना पत्र दीजिए। वहीं दूसरी तरफ मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन का कहना है कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल से हाजिर वर्चुअल हुए थे। मुकदमे की अगली तारीख 11 जनवरी तय हुई है। बताते चले कि इससे पहले मुख्तार अंसारी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए जज से कहा था कि जेल में उसकी हत्या करवाई जा सकती है। जिसपर उसके बैरक की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। जेल में हाई सिक्योरिटी में है माफिया
आपको बता दें कि जेल में मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर डेढ़ प्लाटून PAC के जवान को मिलाकर लगभग 150 जेल पुलिस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। यहीं नहीं 77 CCTV कैमरों से पूरे जेल कैंपस में उसके ऊपर नजर रखी जाती है। बॉडी कैम से जवान लैश रहते हैं। हर आने-जाने वाले पर विशेष नजर बनी रहती है।