यूपी के बहराइच जिले में लोहड़ी पर्व और मकर संक्रांति को लेकर लोगों में खुशी का माहौल है। गांव में आज भी लोग सामूहिक खिचड़ी भोज का आयोजन कर बरसों पुरानी परंपरा को जीवित किए है। गांव वासी घर जाकर चंदा एकत्रित कर लोगों को भोज के लिए आमंत्रित कर पुरानी परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं
मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को है। इसकी तैयारी के लिए गांव से लेकर शहर के लोग लगे हुए हैं। लेकिन पुरानी परंपरा के अनुसार गांव में 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मानने की चर्चा है। अब बात करते हैं वर्षो पुरानी परंपरा के बारे में। पुरानी परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी मकर संक्रांति पर्व के तीन से चार दिन पहले घर-घर जाकर चावल, दाल और नमक खिचड़ी भोज के लिए ले रहे हैं।
वहीं लोगों से कुछ चंदा भी नगदी के रूप में ले रहे हैं इस चंदे के बजट से सामूहिक खिचड़ी भोज और भंडारे को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ यही हाल जंगल से सटे ग्राम पंचायतों में देखने को मिल रहा है। मोतीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत उर्रा निवासी ओम प्रकाश, रामा समेत सात लोगों की टीम घर घर जाकर खिचड़ी के लिए अनाज एकत्रित कर रही है। साथ ही माइक द्वारा अनाउंसमेंट कर लोगों को सामूहिक भोज के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। ओम प्रकाश ने बताया कि नई पीढ़ी और अपनी पुरानी परंपरा को याद रखने के लिए यह काम किया जा रहा है। 14 जनवरी को सामूहिक खिचड़ी भोज जंगली दास बाबा मंदिर परिसर में किया जायेगा। दो दशक से कर रहे कार्य उर्रा बाजार निवासी रामा ने बताया कि वह प्रतिवर्ष सामूहिक खिचड़ी भोज के लिए मेहनत कर रहे हैं। दो दशक हो रहे हैं इस पुरानी परंपरा को बरकरार रखते हुए । इसके लिए घर घर चंदा लेकर सामूहिक खिचड़ी भोज करवा रहे हैं।