चाहतराम लोनी थाने का पुराना हिस्ट्रीशीटर रहा है। साल-2022 के बीच में उसकी हिस्ट्रीशीट बंद हुई थी। SHO अनिल राजपूत ने दिसंबर-2023 में कार्यभार संभालने के बाद चाहतराम को थाने से एक गनर दे दिया। जबकि नियम है कि गनर के लिए जिला स्तरीय समिति का एप्रवूल होना चाहिए, लेकिन SHO ने ऐसा कुछ नहीं किया। मामला संज्ञान में आने के बाद SHO अनिल राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। DCP का कहना ये भी है कि मैंने पूर्व में भी चाहतराम से गनर हटवाया था, लेकिन एसएचओ अनिल राजपूत ने गुपचुप तरीके से उसको पुन: गनर दे दिया। इस मामले में एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच भी आरंभ कर दी गई है।
UP : गाजियाबाद में सस्पेंड हुए SHO, पूर्व हिस्ट्रीशीटर को इंस्पेक्टर ने दी थी गनर

चाहतराम लोनी थाने का पुराना हिस्ट्रीशीटर रहा है। साल-2022 के बीच में उसकी हिस्ट्रीशीट बंद हुई थी। SHO अनिल राजपूत ने दिसंबर-2023 में कार्यभार संभालने के बाद चाहतराम को थाने से एक गनर दे दिया। जबकि नियम है कि गनर के लिए जिला स्तरीय समिति का एप्रवूल होना चाहिए, लेकिन SHO ने ऐसा कुछ नहीं किया। मामला संज्ञान में आने के बाद SHO अनिल राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। DCP का कहना ये भी है कि मैंने पूर्व में भी चाहतराम से गनर हटवाया था, लेकिन एसएचओ अनिल राजपूत ने गुपचुप तरीके से उसको पुन: गनर दे दिया। इस मामले में एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच भी आरंभ कर दी गई है।