Report By-Ganesh Kumar Sonbhadra(UP)
यूपी के सोनभद्र से बड़ी खबर है उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज एक और विधायक को दुष्कर्म और पास्को एक्ट में दोषी करार दिया है, जिसकी सजा के लिए 15 दिसम्बर की तारीख मुकर्रर किया है। सोनभद्र जनपद के दुद्धी (403) जनजाति विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामदुलारे गोंड को आज एमपी/एमएलए कोर्ट ने अंडर कस्टडी लेते हुए दुष्कर्म और पास्को एक्ट में दोषी करार दिया है और सजा सुनाने के लिए 15 दिसम्बर की तारीख मुकर्रर किया है। इस मामले की पैरवी कर रहे रामसेवक प्रजापति ने कहा कि न्याय पाने में आज पूरे नौ साल लग गए, वह एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा विधायक रामदुलारे गोंड को दोषी करार दिया है जिससे बहुत खुश हूं।
![](https://indiacorenews.in/wp-content/uploads/2023/12/WhatsApp-Image-2023-12-12-at-6.38.54-PM.jpeg)
अब कोर्ट से मैं यह उम्मीद करता हूँ कि दोषी विधायक को कम अस कम 20 साल की सजा मिले। घटना के समय आरोपी प्रधानपति था जो 2022 में विधायक बन गया तो समझौते के लिए बहुत दबाव बनावाया लेकिन वह हिम्मत नही हारा और अपनी बहन को न्याय दिलाया है।
वही इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ के अधिवक्ता विकास शाक्य ने कहा कि भाजपा विधायक रामदुलारे गोंड के खिलाफ अपर सत्र न्यायालय/ एमपी/एमएलए कोर्ट में दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट का मुकदमा चल रहा था ,जिसमे कोर्ट ने विधायक को अंडर कस्टडी लेते हुए दोषी करार दिया और सजा सुनाने के लिए 15 दिसम्बर की तारीख मुकर्रर किया है।
किशोरी से दुष्कर्म मामले में दुद्धी सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को दोषी पाया गया है। यहां पर आजादी के इतने वर्ष बाद पहली बार कमल खिला है। वर्ष 2014 में प्रधानपति रहते हुए नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था। मामले पर अब 15 दिसंबर को सजा सुनायी जाएगी। किशोरी से दुष्कर्म के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को दोषी करार दिया है। मंगलवार को सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एहसानुल्लाह खान ने सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने विधायक को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया। रामदुलार गोंड पर करीब आठ साल पहले एक किशोरी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। पीड़िता के पिता की तहरीर पर म्योरपुर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन की थी। तब रामदुलार गोंड विधायक नहीं थे। पाॅक्सो कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था। उनके विधायक चुने जाने के बाद पत्रावली एमपी- एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई। इस कोर्ट में भी बहस नवंबर में ही पूरी कर ली गई थी, मगर बाद में पीठासीन अधिकारी के तबादले के चलते फैसला नहीं आ सका था। नए पीठासीन अधिकारी एहसानुल्लाह खां के पदभार ग्रहण करने के बाद विभिन्न तिथियों के बाद शुक्रवार को बहस पूरी हुई। कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाने के लिए 12 दिसंबर की तिथि तय की थी।