Report by – Ganesh Kumar Sonbhadra (UP)
यूपी के सोनभद्र में अगर आपको कुछ अलग करना है तो लीक से हटकर काम करना होगा। यूपी के सोनभद्र में एक किसान ने यही किया। गैर परंपरागत और सीजन के विपरीत जा कर फूलगोभी की खेती शुरू की। इससे हर वर्ष लाखों रुपए कमा रहे है। पूरे सोनभद्र में ऐसी खेती करने वाले एकलौते किसान हैं बाबूलाल मौर्य जो सदर विकास खंड के मानपुर गांव के निवासी है। 3 से 4 एकड़ में बाबूलाल वराहो मास फूलगोभी की खेती करते हैं। फूलगोभी ऐसी सब्जी है जिसे लगभग सभी लोग पसंद करते हैं। ठंड के दिनों में तो ये कहीं भी मिल जाती है, लेकिन गर्मी और बरसात में बड़ी मुश्किल से कोल्ड स्टोर वाली गोभी मिलती है।
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जो किसान गर्मी और बरसात में खेती करते है वो बहुत अच्छा मुनाफा भी कमाते है ऐसे ही एक उदाहरण सोनभद्र के बाबूलाल मौर्य है। इस दौरान बाबूलाल मौर्य ने गोभी की खेती कर हर वर्ष लाखों रुपए कमा रहे हैं वही बाबूलाल मौर्य ने जानकारी देते हुए भी बताया कि हमारे यहां 365 दिन को भी आपको मिल सकती है और गोभी की खेती करने से हमें लाखों रुपए का हर वर्ष फायदा हो रहा है। इसकी नर्सरी बेहद अच्छे तरीके से मिट्टी को तैयार करके किया जाता है और खेत में मेड बनाकर विधि से गोभी की रोपाई की जाती है। सोनभद्र सदर विकास खंड के किसान बाबू लाल मौर्य बताते है कि हम खेती तो हर सब्जी की करते है लेकिन प्रमुख रूप से फूल गोभी की खेती अलग-अलग प्रजाति की करते है। फूल गोभी हमारे हाथ 365 दिन आपको मिल जाएगी जिसे हम बखूबी मन लगाकर करते हैं। इसके अलावा बाबू लाल बताते है कि सबसे पहले नर्सरी तैयार किया जाता है। नर्सरी तैयार हो जाने के बाद खेतों में इसकी रोपाई लाइन बाई लाइन और पौधे से पौधे की दूरी 24 बाई 24 सेमी रखी जाती है। खेत में पौधे की रोपाई के बाद नमी रहना बहुत ही जरूरी होता है। नमी ना होने से पौधे सूख जाते हैं, वैसे फूलगोभी की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। हम गोभी की अलग-अलग प्रजाति की खेती करते हैं, जिसकी नर्सरी एक एक माह के अंतराल पर करते रहते हैं, उसकी रोपाई करते हैं, जिससे इसका उत्पादन करीब पांच माह तक हमें मिलता रहता है। एक एकड़ क्षेत्रफल में करीब 20 से 25 हजार रुपए की लागत लगती हैं। अगर बाजार में अच्छा रेट मिल जाए तो एक से दो लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता है। गोभी की फसल पौधा रोपाई के बाद 80 से 90 दिनों में फूल तैयार हो जाता है। बचाव के लिए अच्छे किस्म के दवा व कीटनाशक का छिड़काव कर देने के बाद रोग लगने की संभावना नहीं रहती है और गोभी की फसल सही प्रकार से तैयार हो जाती है।