Report By-Sachin Upadhyay Kasganj (UP)
यूपी के कासगंज में बीते कई दिनों से चल रही शीत लहर ने लोगो की हाड़ कंपकंपा रही है। मंगलवार को आसमान से तुषार आफत बनकर बरसा। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। वहीं, कोहरे की धुंध के बीच भोर शीतलहर का प्रकोप मरीजों में खास असर डाल रहा है। नौनिहाल बच्चों के साथ बुजुर्ग व महिलाएं भी बीमार हो रहीं हैं।
बच्चों में ठंड की वजह से जहां जुकाम, खांसी, वायरल, निमोनिया की बीमारी बढ़ रही है, वहीं बुजुर्गों में सांस फूलने और महिलाओं को सिरदर्द- पेटदर्द व वायरल फीवर हो रहा है। मंगलवार को जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार लगी थी।
कोहरा व शीतलहर का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को बर्फीली हवाएं आम लोगों को सुई की तरह चुभती रहीं। सड़कों में सन्नाटा रहा जो लोग निकले वह पूरी तरह से गर्म कपड़ों में मुंह तक ढके थे। सबसे बुरा हाल तो गरीब बेसहारा लोगों का रहा। पहनने के लिए गर्म कपड़े थे और न ही अलाव जलाने को पैसा। दिनभर वह ठंड से कंपकपाते हुए इधर से उधर भटकते रहे। नगर पालिका परिषद के अलाव जले तो उन्हें चैन मिला। आग के आसपास झुंड लगाए बैठे शरीर को सेंकते रहे। वहीं इस सर्दी के चलते जिला अस्पताल में नौनिहाल बच्चों के साथ बुजुर्ग व महिलाएं की भीड दवा लेने को देखने को मिल रहीं है। चिकित्सकों के अनुसार इस समय बच्चों में ठंड की वजह से जहां जुकाम, खांसी, वायरल, निमोनिया की बीमारी बढ़ रही है, तो वहीं बुजुर्गों में सांस फूलने और महिलाओं को सिरदर्द- पेटदर्द व वायरल फीवर हो रहा है। डा. संजीव सक्सैना का कहना है कि सुबह-शाम ठंड की वजह से दमा से पीड़ित बुजुर्गों में सांस फूलने की शिकायतें आ रही हैं जिस पर उन्हें मार्निंग वॉक न कर आराम करने की सलाह दी गई है। कहा कि महिलाओं में ठंड लगने से पेचिस व वायरल फीवर हो रहा है। डॉक्टर पवन का कहना था कि ठंड के मौसम में जुखाम-खांसी, वायरल फीवर के अधिक मरीज आ रहे हैं। चिकित्सक डॉ. दिनेष शर्मा का कहना था कि ठंड के मौसम में सुबह व शाम को शीतलहर शुरु होने का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। कहा कि ठंड में बच्चों के हाथ-पैर व कान ढककर रखना चाहिए और खानपान में विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए ताकि बच्चों को ठंड न लग पाए क्योंकि जुखाम व न्यूमोनिया से बच्चों की पसलियां चलने लगती है। इसलिए गुनगुने पानी से स्नान कराएं।