Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। बलिया जिले में पांच शिक्षकों को उनके फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। ये शिक्षक सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत थे। जांच में पाया गया कि उन्होंने भर्ती के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता पूरी किए बिना ही आवेदन किया था और धोखाधड़ी कर नौकरी हासिल की।
प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 थी, और इसके बाद शैक्षिक योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी चयन के लिए मान्य नहीं माने गए। इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस तरह के फर्जीवाड़े में लिप्त शिक्षकों की पहचान कर उनकी सेवा समाप्त करने के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी करने वालों के लिए एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। भविष्य में भी इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि शिक्षा प्रणाली में ईमानदारी और गुणवत्ता बनी रहे।
इस अभियान के तहत बलिया जिले में जिन पांच शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। यह कदम पूरे प्रदेश में ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है। सरकार का यह भी मानना है कि शिक्षकों की नियुक्ति सही योग्यता और पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।