Report By-Atish Trivedi Lakhimpur Kheri (UP)
यूपी के लखीमपुर खीरी में दाल के दाम अधिक होने के कारण किसान अब मसूर की खेती करने पर जोर दे रहे हैं तो वही मौसम भी उनके साथ दे रहा है, अधिक कोहरा गिरने से मसूर की फसल के लिए कोहरा संजीवनी साबित हो रहा है,
खेत में मौजूद किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिक कोहरा गिरने से गेहूं मसूर की फसल को फायदा होता है, कोहरा अधिक गिरने से कम लागत में तैयार होती है फासले,सही समय पर मसूर की बुवाई करके 110 से 140 दिनों के अंदर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक दानों की पैदावार (Lentil production) ले सकते हैं. इसके अलावा मसूर की फसल से करीब 30 से 35 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है।
ये फसल फरवरी-मार्च तक पककर तैयार हो जाती है, अब तराई क्षेत्र में अधिकांश किसान गन्ने की फसल पर जोर न देकर अन्य फसलों पर ध्यान देने लगे हैं उनसे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।