यूपी के सोनभद्र जिले के विजयगढ़ क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है। जिले में भले ही सूखा पड़ जाए लेकिन इस क्षेत्र में हमेशा ही धान की अच्छी पैदावार होती है। आपने कई प्रकार के चावल खाए होंगे, लेकिन जिस चावल के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं इस चावल को जिन लोगों ने खाया हैं उनके मुंह में नाम सुनते ही पानी आ जाता है। खबर पढ़ते-पढ़ते आपके मुंह में भी कहीं पानी ना आ जाए और आपको भी इस चावल को खाने का मन करने लगे। हम बात कर रहे है सोनभद्र के विजयगढ़ क्षेत्र में तैयार होने वाला गोविंद भोग व जीरा बत्तीस चावल की जो अपने आप में बेहद खास है।
इस चावल की सुगंध आपको मोहित कर देगी। स्थानीय लोग इसे बेहद खास किस्म का चावल बताते है, और इसके धान की उपज सिर्फ इसी इलाके में अधिक मात्रा में होती है।
जिले के अचानक से प्रभावित क्षेत्र विजयगढ़ में धंधरौल, नगवा समेत कई बड़े बांध है। इस क्षेत्र में जल्दी कभी भी सूखा नहीं पड़ता है, और भारी मात्रा में धान की खेती भी की जाती है। इस क्षेत्र में ज्यादातर जीरा 32 व गोविंद भोग की खेती की जाती है। ये चावल अगर कहीं बन रहा होता है तो पूरा वातावरण सुगंधित हो जाता है। बेहद खास स्वाद और खुशबू की वजह से ही इसकी मांग काफी रहती है। लोग पूछने पर मजबूर हो जाते हैं और इस चावल को पाने की इच्छा जाहिर करते हैं। किसान ने बताया कि विजयगढ़ क्षेत्र में दो बड़े बांध है जिसके चलते पानी की समस्या नहीं होती इसके साथ ही समूचा क्षेत्र का पानी पहाड़ी जड़ी-बूटियों अपने साथ लेकर गांव के खेतों तक पहुंचता है। उसी पानी से खेत की सिंचाई होती है, इसलिए यहां का अनाज ज्यादा खुशबूदार होता है। वही इस संबंध में जब किसानों से बात किया गया था उन्होंने बताया कि इसी खेती हमारे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जाती है यह धन काफी बड़ा होता है जिसके चलते इसमें यूरिया खाद कम दी जाती है इसके साथ ही यह अगर यह घर में बनता है तो कई घरों में इसकी महक फैल जाती है।