लखनऊ में राज्य सलाहकार समिति की बैठक में बिजली कंपनियों ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जिसका विरोध हुआ। सदस्यों ने 45% तक दरें घटाने की मांग की निजीकरण का विरोध किया। मेट्रो ने भी वृद्धि का विरोध किया। उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर का खर्च उपभोक्ताओं पर डालने का विरोध किया। नियामक आयोग जल्द ही बिजली दरों पर फैसला लेगा।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में आयोजित राज्य सलाहकार समिति की बैठक में पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली दरें बढ़ाने की जोरदार पैरवी की। प्रबंधन ने कहा कि या तो बिजली दरें बढ़ाई जाएं अन्यथा सरकार सब्सिडी दे, कोई और चारा नहीं है। प्रबंधन के इस प्रस्ताव का मौके पर ही विरोध हुआ।
विरोध में तीन सदस्यों ने सामूहिक रूप से बिजली दरों में 45 प्रतिशत कमी लाने का प्रस्ताव पेश किया। इस बैठक के साथ ही नियामक आयोग द्वारा 2025-26 के लिए बिजली दरों पर की जा रही सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई। माना जा रहा है कि अगस्त के पहले सप्ताह में आयोग बिजली दरें घोषित कर सकता है।