Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने राज्य में बढ़ती बिजली चोरी और मीटर रीडिंग में हो रही हेराफेरी को रोकने के लिए ‘मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (MRI)’ नामक एक नई तकनीक की शुरुआत की है। यह उपकरण मीटर को स्कैन कर उसकी रीडिंग, खपत पैटर्न और किसी भी तकनीकी गड़बड़ी का विश्लेषण करता है, जिससे यह पता चल जाता है कि मीटर में छेड़छाड़ हुई है या नहीं।
प्रयागराज के करेली, धूमनगंज, बमरौली जैसे इलाकों में इस तकनीक को परीक्षण के तौर पर लगाया गया, जहां यह काफी प्रभावशाली साबित हुआ। कई उपभोक्ताओं के मीटरों में गड़बड़ी पकड़ी गई और बिजली चोरी के मामले सामने आए। दुकानों और व्यावसायिक परिसरों में भी इस डिवाइस ने कामयाबी से चोरी पकड़ी है।
इस तकनीक के इस्तेमाल के बाद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई उपभोक्ताओं पर भारी जुर्माना लगाया और अवैध कनेक्शन हटाए। प्रयागराज के एसडीओ राजवीर सिंह ने बताया कि MRI की मदद से अब बिना किसी शारीरिक जांच के ही मीटर में छेड़छाड़ पकड़ ली जाती है, जिससे विभाग का समय और संसाधन दोनों की बचत होती है।
स्थानीय निवासी श्यामजी केसरवानी ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक ईमानदार उपभोक्ताओं के हित में है। इससे जहां विभाग को राजस्व हानि से बचाया जा सकेगा, वहीं आम उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ेगा।
MRI तकनीक को अब प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी लागू करने की तैयारी है, जिससे बिजली चोरी पर व्यापक नियंत्रण संभव हो सकेगा और वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा सकेगा।