भूखंड का कब्जा न देने और जमा रकम लौटाते समय मनमानी कटौती करने पर उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार ने यूपीएसआईडीसी पर कड़ी नाराजगी जताई है। आयोग ने आदेश दिया है कि संस्था डेढ़ महीने के भीतर 9,56,550 रुपये वापस करे, साथ ही 15,000 रुपये हर्जाना और 5,000 रुपये वाद व्यय के रूप में अदा करे। तय समय में भुगतान न करने पर पूरी राशि पर आदेश की तारीख से भुगतान तक 7% ब्याज देना होगा।
नौबस्ता के हंसपुरम निवासी उमेश चंद्र बाजपेई ने ट्रांसगंगा हाउसिंग उन्नाव में 200 वर्गमीटर का भूखंड खरीदने के लिए 3.62 लाख रुपये जमा कर 31 अक्टूबर 2015 को आवेदन किया था। सात जून 2016 को भूखंड आवंटित भी हो गया। इसके बाद उमेश ने किस्तों में कुल 17.62 लाख रुपये जमा कर दिए, लेकिन उन्हें कब्जा नहीं दिया गया।
कई बार दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद उमेश ने 18 नवंबर 2018 को अपनी राशि वापस मांग ली। इस पर यूपीएसआईडीसी ने 16 दिसंबर 2019 को 9,56,550 रुपये काटकर बाकी पैसा लौटा दिया। कब्जा न देने और रकम में भारी कटौती से नाराज होकर उमेश ने यूपीएसआईडीसी ट्रांसगंगा सिटी लखनपुर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और उन्नाव के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी के खिलाफ 22 जनवरी 2020 को उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल किया।
आयोग की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद विपक्षी पक्ष उपस्थित नहीं हुआ, जिसके बाद आयोग ने एकपक्षीय रूप से उमेश के पक्ष में निर्णय सुनाया।