Report By : ICN Network
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। अब राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले विभिन्न समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानून थे, लेकिन अब सभी के लिए एक समान कानूनी ढांचा उपलब्ध है।
नए नियमों के तहत, विवाह के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। यदि विवाह 26 मार्च 2010 से 27 जनवरी 2025 के बीच हुआ है, तो पंजीकरण के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। इससे पहले पंजीकरण कराने वाले विवाहों को भी नए नियमों के तहत मान्यता प्राप्त है।
विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल ucc.uk.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है। इस पोर्टल पर विवाह, तलाक, लिव-इन संबंध, वसीयत, कानूनी उत्तराधिकारी, अपील, शिकायत आदि सेवाएं उपलब्ध हैं। यह पोर्टल 23 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे सभी नागरिकों को सुविधा हो रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पोर्टल पर अपनी शादी का पंजीकरण करवा कर नागरिकों को प्रेरित किया है। इस पहल से विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हुई है।
इस कानून के तहत, लिव-इन संबंधों को भी कानूनी मान्यता प्राप्त है, और उनके बच्चों को समान अधिकार मिलते हैं। इसके अलावा, बहुविवाह पर प्रतिबंध, बाल विवाह की रोकथाम, और समान उत्तराधिकार जैसे प्रावधान भी शामिल हैं।
यह कदम सामाजिक समानता, महिला अधिकारों की सुरक्षा, और पारिवारिक विवादों के समाधान में सहायक साबित होगा।