Report By : Ankit Srivastav (Uttarakhand)
खबर उत्तराखंड से है, जहां वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों के लिए मार्च में शुरू होने वाले नये सत्र से भगवान राम की कहानी को नए पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। लेकिन इससे पहले वक्फ बोर्ड देहरादून के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा है कि हम चाहते हैं मदरसों में पढ़ रहे बच्चे औरंगज़ेब जैसे नहीं भगवान राम जैसे बनें। मदरसे के छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के साथ-साथ भगवान राम के जीवन की कहानी भी पढ़ाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अनुभवी मुस्लिम मौलवियों ने भी इस कदम को मंजूरी दे दी है।
भाजपा नेता है शादाब शम्स
आपको बता दें कि शादाब शम्स एक भाजपा नेता भी हैं। उनका कहना है कि श्री राम द्वारा दर्शाए गए मूल्य सभी के लिए अनुसरण करने योग्य हैं, चाहे उनका धर्म या आस्था कुछ भी हो। वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 117 मदरसे हैं और उक्त आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों के मदरसों में शुरू किया जाएगा।
अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि इस साल मार्च से हमारे मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में श्री राम का अध्ययन शुरू किया जाएगा। कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपने पिता की प्रतिबद्धता निभाने में मदद करने के लिए राजगद्दी छोड़ दी और जंगल में चला गया! कौन नहीं चाहेगा कि उसे श्री राम जैसा पुत्र मिले।
शम्स ने ये भी कहा कि भगवान लक्ष्मण और देवी सीता, जो राज्य की सुख-सुविधाएं छोड़कर भगवान राम के पीछे जंगल में चले गए, वे भी बेहद प्रेरणादायक थे।