Report By : Rishabh Singh, ICN Network
पीलीभीत से टिकट कटने के बाद पहली बार भाजपा सांसद वरुण गांधी चुनावी मैदान में नजर आए। वह गुरुवार को मां मेनका गांधी की सीट सुल्तानपुर पहुंचे। यहां प्रचार का आज आखिरी दिन है। जनसभा में उन्होंने कहा-हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। न कोई गुस्सा।
तीन बार के सांसद वरुण ने पूरे चुनाव से दूरी बना रखी थी। उन्होंने एक भी रैली नहीं की। न ही कोई बयान दिया। टिकट कटने के बाद एक भी बार पीलीभीत नहीं गए। 27 मार्च को भाजपा ने पीलीभीत से वरुण का टिकट काटकर योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को दिया था।
28 मार्च को वरुण ने पीलीभीत के नाम पत्र लिखा था। कहा था-मैं आम आदमी के लिए राजनीति में आया हूं। यह मैं करता रहूंगा, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
वरुण ने कहा- जब मैं पहली बार सुल्तानपुर आया था, तो मुझे पिता की खुशबू महसूस हुई थी, लेकिन आज मुझे लग रहा है कि मैं अपनी मां की भूमि में आया हूं। हम लोग जब सुल्तानपुर में चुनाव लड़ने आए, तो लोगों ने कहा था कि जैसी अमेठी-रायबरेली में रौनक है। हम चाहते हैं कि सुल्तानपुर में भी ऐसी रौनक आए।
आज देश में जब सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है, तो पहली लाइन में लिया जाता है। सुल्तानपुर का कोई व्यक्ति लखनऊ, दिल्ली या बनारस जाए। उसके साथ हमेशा एक पहचान जुड़ी है। लोग कहते हैं कि अच्छा मेनका गांधी वाले सुल्तानपुर से आए हो।
वरुण ने कहा-जितने लोग यहां उपस्थित हैं। अगर आप लोगों पर कभी कोई संकट में आता है, तो मैं अपना नंबर दे रहा हूं। नोट कर लीजिए। कभी भी मुझे फोन करिए और अपनी समस्याओं को बताइए। मैं आपकी मदद करूंगा। सुल्तानपुर में काबिलियत, साहस, प्रतिभा और स्वाभिमान की कमी नहीं है।
सुल्तानपुर के लोगों को सिर्फ ऐसा एक व्यक्ति चाहिए, जो उनको अपना परिवार माने। परिवार का मतलब होता है, हर वार पर जो साथ दे। लोग वादा करते हैं कि नाली, सड़क, बिजली सही होगा, यह सब तो होता रहेगा। लेकिन, हम खून के रिश्ते का वादा करते हैं।