Report By : ICN Network
वसई (पश्चिम) स्थित ब्रीथ केयर अस्पताल में इलाज के दौरान 27 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक के पिता, लालमणि गुप्ता ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे की मौत चिकित्सा लापरवाही के कारण हुई।
लालमणि गुप्ता के अनुसार, उनके बेटे रूपेश गुप्ता को 18 मार्च 2024 को सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अस्पताल के प्रमुख चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र दुबे ने उनका इलाज नहीं किया और दो आयुर्वेदिक चिकित्सा छात्रों ने उनका इलाज किया। गुप्ता ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के मरीज को पैथोलॉजी लैब में भेजा।
रूपेश की 19 मार्च 2024 को मृत्यु हो गई, लेकिन अस्पताल ने उसे मृत घोषित करने के बजाय उसे व्हीलचेयर पर बिना ऑक्सीजन के दूसरे अस्पताल भेजा। वहां उसे मृत घोषित किया गया।
पिता ने आरोप लगाया कि स्थानीय नगर निगम ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, केवल नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगाई है। उन्होंने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
पुलिस ने डॉ. धर्मेंद्र दुबे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि, आरोपी चिकित्सक ने जमानत प्राप्त कर ली है।
वसई-विरार नगर निगम के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भावना चौधरी ने कहा कि यह चिकित्सा लापरवाही का मामला है, जो सिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय अदालत, पुलिस या सिविल सर्जन के निर्देश पर लिया जा सकता है।
यह घटना चिकित्सा पेशेवरों की जिम्मेदारी और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाती है।