केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन फिटनेस परीक्षण शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा जारी संशोधित मोटर वाहन नियमों के तहत नई फीस दरें तुरंत लागू हो गई हैं। अब पूरे देश, मुंबई और महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में वाहन की उम्र के आधार पर अलग-अलग उच्च शुल्क निर्धारित किए गए हैं।
नई संरचना के मुताबिक, सबसे ज्यादा शुल्क 20 साल से अधिक पुराने वाहनों पर लागू होगा। दोपहिया, थ्री-व्हीलर, टैक्सी/ऑटो, LMV/LGV और भारी वाहनों—सभी श्रेणियों के लिए दरों में बदलाव किया गया है। जहां पहले 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों पर एक समान शुल्क लगता था, वहीं अब इसे तीन चरणों में विभाजित किया गया है—10 से 15 साल, 15 से 20 साल और 20 साल से अधिक।
सबसे बड़ा असर भारी कमर्शियल वाहनों पर पड़ा है। 20 वर्ष से पुराने ट्रक और बसों की फिटनेस जांच फीस 2,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है। इसी तरह 20 साल पुराने मीडियम कमर्शियल वाहनों की फीस 1,800 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है।
नोटिफिकेशन के अनुसार, 20 वर्ष से अधिक पुराने LMV के लिए अब 15,000 रुपये, तीन-पहिया वाहनों के लिए 7,000 रुपये और पुराने दोपहिया वाहनों के लिए 2,000 रुपये शुल्क तय किया गया है। 15 साल से कम पुरानी गाड़ियों के लिए भी फीस में बदलाव हुआ है—टू-व्हीलर के लिए 400 रुपये, LMV के लिए 600 रुपये और मीडियम/हेवी कमर्शियल वाहनों के लिए 1,000 रुपये।
नई व्यवस्था में गाड़ी की उम्र के साथ शुल्क लगातार बढ़ता है और सबसे ऊंची दरें 20 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों पर लागू हैं। ये बदलाव सभी श्रेणियों—टू-व्हीलर, ऑटो/कैब, LMV और भारी वाहनों—पर लागू होंगे।