• Thu. Dec 26th, 2024

फतेहपुर सीट से कांग्रेस की टिकट से तीन बार लोकसभा चुनाव लड़े विभाकर शास्त्री भाजपा में शामिल,लाल बहादुर शास्त्री के पोते है विभाकर

Report By : Umesh Chandra Fatehpur (UP)

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री को भारतीय जनता पार्टी ने अपने साथ जोड़ा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा एक बड़े स्तर पर तैयारी करती दिख रही है। पार्टी उन घरानों को साथ जोड़ती दिख रही है, जो गांधी- नेहरू परिवार के कारण कांग्रेस की मुख्य धारा से जुड़ते नहीं दिख रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार को साथ जुड़कर भाजपा ने बड़ा संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भाजपा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से लेकर प्रणव मुखर्जी तक का मुद्दा उठाया था। प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न भी दिया गया। वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव को भारत रत्न देने की घोषणा की गई। पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेजा जा रहा है। भले ही विभाकर शास्त्री राजनीतिक तौर पर भाजपा को बड़ा फायदा न दे पाएं, लेकिन वे कांग्रेस के हाशिए पर धकेले गए चेहरे के तौर पर पेश किए जाएंगे। इसका फायदा पार्टी को विशेष तौर पर मिल सकता है।”

भगवा दमन थामते नेता

देश में ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का संदेश देने वाले लाल बहादुर शास्त्री का परिवार अब भाजपा के साथ जुड़ता दिख रहा है। इस मामले को चुनावी मैदान में उठाने की तैयारी की जा रही है। विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी थी। कांग्रेस को पिछले दिनों महाराष्ट्र में जोरदार झटका लगा। पहले मिलिंद देवड़ा और फिर पूर्व सीएम अशोक चह्वाण ने पार्टी छोड़ी। दोनों नेता लंबे समय से कांग्रेस के साथ थे। अब भाजपा के पाले में आ गए हैं। वहीं, यूपी के समर्पित कांग्रेसी परिवार माने जाने वाले शास्त्री परिवार का भी भगवाकरण हो गया है।”

कांग्रेस में हाशिए पर शास्त्री परिवार

शास्त्री परिवार कांग्रेस में उस स्तर पर अपना प्रभाव नहीं बना पाया है, जिस प्रकार का प्रभाव नेहरू- गांधी परिवार का है। प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पार्टी की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने भी परंपरागत सीट रायबरेली से हटने का फैसला ले लिया है। वे राजस्थान से राज्यसभा जा रही है। ऐसे में शास्त्री परिवार कांग्रेस की प्रायोरिटी लिस्ट में नहीं रही है। दरअसल, शास्त्री परिवार विरासत को आगे बढ़ाने में भी कामयाब नहीं रही है।

विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें महज 24,688 वोट ही मिले। इसके बाद साल 1999 में उन्होंने चुनाव लड़ा। इसके दस साल बाद 2009 में चुनावी मैदान में उतरे। तीनों बार उन्हें असफलता हासिल हुई। तीन बार प्रयास के बाद भी वह अपने पिता (हरिकृष्ण शास्त्री ) की विरासत को नहीं सहेज पाए।” अब देखने की बात होगी कि कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामने पर आने वाले लोकसभा चुनाव में इस सीट से वह चुनाव लड़ते है और हार की हैट्रिक जीत में बदलते हैं।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *