हादसे के कई घंटों बाद, शनिवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विजय का पहला संदेश आया, जो उनके टूटे मन की गहरी टीस को उजागर करता है। उन्होंने लिखा, “मेरा दिल टूट गया है। मैं असहनीय, अवर्णनीय पीड़ा और दुःख से कराह रहा हूं, जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है।”
विजय ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहन संवेदना जताई और कहा, “मैं अपने प्रिय भाइयों-बहनों को खोने वाले परिवारों के साथ खड़ा हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” यह बयान देर से आया, लेकिन संवेदनशीलता से भरा हुआ था। विजय ने रैली के दौरान ही पानी की बोतलें बांटने की कोशिश की थी और एक लापता बच्चे को खोजने की पुकार भी लगाई थी, जो हादसे की भयावहता को दर्शाता है। 6 घंटे का इंतजार बना मौत का फंदा: भीड़ की बेकरारी ने लिया विकराल रूप
यह दर्दनाक हादसा तब घटा जब करूर-ईरोड हाईवे पर वेलुसाम्यपुरम में हजारों समर्थक विजय के स्वागत में उमड़ पड़े। रैली का समय दोपहर 12 बजे का था, लेकिन विजय शाम 7:40 बजे तक पहुंचे – पूरे 6 घंटे की देरी! तेज धूप, प्यास और थकान से लोग बेहोश होने लगे। जैसे ही विजय का काफिला आया और उन्होंने मंच पर चढ़कर पानी की बोतलें फेंकीं, भीड़ बेकाबू हो गई। लोग एक-दूसरे पर चढ़ते गए, अफरा-तफरी मच गई। गवाहों के मुताबिक, विजय ने एक गाना गाकर वित्त मंत्री वी. सेन्थिलबालाजी पर तंज कसा, जिससे उत्साह चरम पर पहुंच गया और भगदड़ और भयानक हो गई। पुलिस और आयोजकों की ओर से भीड़ प्रबंधन की कमी ने हालात को और बिगाड़ दिया। CMO की पुष्टि: 39 मौतें, 51 घायल – मुआवजा और जांच का ऐलान
शुरुआत में 31 मौतों की खबर थी, लेकिन तमिलनाडु मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने रविवार सुबह 39 की आधिकारिक पुष्टि की। 51 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज करूर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। सीएम एमके स्टालिन ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा घोषित किया और जस्टिस अरुण जगदीश की अगुवाई में जांच आयोग गठित करने का वादा किया। मंत्रालय ने कहा, “यह कमीशन हादसे के कारणों को उजागर करेगा।” मद्रास हाईकोर्ट भी दोपहर 4:30 बजे TVK के खिलाफ मामले की सुनवाई करेगा। सुरक्षा की पोल खुली: राजनीतिक संगठनों ने उठाई सख्त जांच की मांग
हादसे ने रैली आयोजकों, पुलिस और TVK की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालों की बौछार कर दी। विशेषज्ञों का कहना है कि 2 किमी लंबे रूट पर भीड़ का अनुमान न लगाना, पानी-खाने की कमी और एम्बुलेंस के रास्ते में बाधा जैसी लापरवाही घातक साबित हुई। राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने सख्त जांच की मांग की है। पूर्व सीएम एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने घायलों से मुलाकात की, जबकि उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन अस्पताल पहुंचे। कांग्रेस अध्यक्ष के. सेल्वापेरुमलथागन ने इसे “भविष्य के लिए सबक” बताया। विजय की राजनीतिक राह पर काला साया: क्या बदलेगा भविष्य?
यह रैली विजय की TVK के आगामी विधानसभा चुनाव अभियान का महत्वपूर्ण पड़ाव थी, जो त्रिची से शुरू होकर करूर पहुंची। लेकिन यह उत्साह की जगह शोक में बदल गई। विजय का बयान पीड़ितों के घावों पर मरहम रखने जैसा है, लेकिन सवाल बाकी हैं – क्या यह समय पर आया? और क्या TVK व सरकार मिलकर ऐसी त्रासदियों से बचाव के लिए ठोस कदम उठाएंगी? तेलंगाना सीएम ए. रेवंत रेड्डी समेत कई नेताओं ने शोक जताया। अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर हैं, जो न केवल दोषियों को सजा दिलाएगी, बल्कि राजनीतिक आयोजनों की सुरक्षा को नई दिशा देगी। यह हादसा याद दिलाता है कि उत्साह के बीच सतर्कता कितनी जरूरी है।