यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन संचालन की निगरानी को बेहतर बनाने के लिए पश्चिम रेलवे ने एक अहम कदम उठाया है। योजना के तहत 978 इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों में कुल 6000 हाई डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे और काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। प्रत्येक इंजन में कुल छह कैमरे लगेंगे — दो ड्राइविंग कैब में और चार कैमरे बाहर चारों दिशाओं में। ये सभी कैमरे हाई-रेजोल्यूशन होंगे और 360 डिग्री एंगल पर काम करेंगे, जिससे ट्रैक, रेलवे क्रॉसिंग और इंजन के अंदर-बाहर की हर गतिविधि रिकॉर्ड हो सकेगी। इस निगरानी प्रणाली की खासियत यह है कि कैमरे पूरी तरह ऑफलाइन मोड पर काम करेंगे, जिससे साइबर अटैक या हैकिंग का खतरा नहीं रहेगा। यह प्रणाली दुर्घटनाओं के कारणों की पड़ताल में भी बेहद कारगर साबित हो सकती है। पश्चिम रेलवे के पास वर्तमान में 810 इलेक्ट्रिक और 168 डीजल इंजन हैं। सभी में यह उन्नत निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। रेलवे का मानना है कि इस पहल से यात्रा और भी सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगी।
पश्चिम रेलवे की बड़ी पहल: 978 इंजनों में लगेंगे 6000 हाई-डेफिनिशन कैमरे, सुरक्षा होगी और मजबूत

यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन संचालन की निगरानी को बेहतर बनाने के लिए पश्चिम रेलवे ने एक अहम कदम उठाया है। योजना के तहत 978 इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों में कुल 6000 हाई डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे और काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। प्रत्येक इंजन में कुल छह कैमरे लगेंगे — दो ड्राइविंग कैब में और चार कैमरे बाहर चारों दिशाओं में। ये सभी कैमरे हाई-रेजोल्यूशन होंगे और 360 डिग्री एंगल पर काम करेंगे, जिससे ट्रैक, रेलवे क्रॉसिंग और इंजन के अंदर-बाहर की हर गतिविधि रिकॉर्ड हो सकेगी। इस निगरानी प्रणाली की खासियत यह है कि कैमरे पूरी तरह ऑफलाइन मोड पर काम करेंगे, जिससे साइबर अटैक या हैकिंग का खतरा नहीं रहेगा। यह प्रणाली दुर्घटनाओं के कारणों की पड़ताल में भी बेहद कारगर साबित हो सकती है। पश्चिम रेलवे के पास वर्तमान में 810 इलेक्ट्रिक और 168 डीजल इंजन हैं। सभी में यह उन्नत निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। रेलवे का मानना है कि इस पहल से यात्रा और भी सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगी।