तालग्राम—रबी सीजन की तैयारियों में जुटे किसानों के लिए बड़ा अपडेट जारी हुआ है। कृषि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 नवंबर तक ही गेहूं समेत अन्य रबी फसलों के प्रमाणित बीजों पर अनुदान उपलब्ध रहेगा। इसके बाद किसी भी किसान को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। विभाग का कहना है कि समय पर बोआई करने से उत्पादन बढ़ता है और किसानों को बीज भी कम कीमत पर मिल जाता है, इसलिए अंतिम तिथि से पहले खरीदारी पूरी करना बेहद जरूरी है।
बीज एवं प्रक्षेत्र के अपर कृषि निदेशक अनिल कुमार पाठक द्वारा जारी पत्र के अनुसार, 22 नवंबर को कृषि मंत्री की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी रबी फसलों—गेहूं, चना, मसूर, सरसों और जौ—के प्रमाणित बीजों पर मिलने वाला 50% तक का सब्सिडी लाभ 30 नवंबर तक सीमित रहेगा। बीज आपूर्ति संस्थाओं को 26 नवंबर तक वितरण पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि बीज और मिनी किट का वितरण 30 नवंबर तक हर हाल में समाप्त होना चाहिए।
जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता के अनुसार, किसान इस अवसर को गंभीरता से लें और समय रहते राजकीय बीज भंडारों से बीज खरीदें। देरी से बोआई न केवल उत्पादन घटाती है, बल्कि फसल रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील भी हो जाती है। विभाग का कहना है कि सभी केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज उपलब्ध है और किसान सब्सिडी का लाभ लेने से न चूकें।
इसी बीच खाद वितरण को लेकर भी प्रशासन सक्रिय है। किसानों की जरूरतों को देखते हुए डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने अवकाश के दिनों में भी समितियाँ खोलने के निर्देश दिए, जिसके बाद कई समितियों पर खाद वितरण का काम जारी रहा। कृषि अधिकारी और एआर कोऑपरेटिव ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि अब खाद टोकन प्रणाली के माध्यम से ही दी जाएगी, और किसानों को आधार व खतौनी के आधार पर यूरिया वितरित की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि समितियों में पर्याप्त खाद का स्टॉक मौजूद है, लेकिन किसानों को सलाह दी गई कि वे कृषि वैज्ञानिकों से परामर्श लेकर ही खाद का इस्तेमाल करें और अंधाधुंध प्रयोग से बचें।
जसोदा क्षेत्र में खाद उपलब्ध होने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में किसान समिति पर पहुंच गए। फतेहपुर जसोदा सहकारी समिति में मंगलवार को 350 बोरी यूरिया पहुंची, जिसे आधार कार्ड जमा कर लाइन में लगे किसानों को दो से तीन बोरी प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया गया। सचिव प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि बुधवार तक 700 और बोरी यूरिया आने की संभावना है, लेकिन भारी भीड़ के कारण किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ा।