उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव की स्थिति आ गई है। संविधान में उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कार्यवाहक का प्रावधान नहीं है इसलिए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उनकी अनुपस्थिति में सदन की अध्यक्षता करेंगे। चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार रात दिए गए इस्तीफे से देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद खाली हो गया है। इसका मतलब है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव की नौबत आ गई है। वे भारत के इतिहास में कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले केवल तीसरे उपराष्ट्रपति हैं।
उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा?
भारतीय संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रविधान नहीं है। हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए वर्तमान उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उनकी अनुपस्थिति में सदन की अध्यक्षता करेंगे।
कब होंगे चुनाव?
राष्ट्रपति पद के लिए, संविधान के अनुसार रिक्त पद को छह महीने के भीतर भरना आवश्यक है लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है। केवल यह आवश्यक है कि पद रिक्त होने के बाद यथाशीघ्र चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग कार्यक्रम की घोषणा करेगा। यह चुनाव राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत होता है। परंपरा के अनुसार, संसद के किसी भी सदन के महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है।