दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अजय चौधरी ने बताया, वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस 125 ओएसवीडी कैमरे और लगाएगी। अभी तक 125 ओएसवीडी कैमरे लगे हुए हैं। अब इन कैमरों की संख्या 250 हो जाएगी।
राजधानी की सड़कों पर तेज रफ्तार दौड़ने वाले करीब 38 फीसदी वाहन जानलेवा साबित हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पेंडिंग चालानों में से 37.65 फीसदी चालान ओवरस्पीड के हैं। ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि दिल्ली की सड़कों पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है।दिल्ली ट्रैफिक के डाटा के अनुसार शुक्रवार शाम तक कुल 43,498,2366 चालान पेंडिंग थे। इनमें से 3,14,73,901 चालान कैमरों से हुए हैं। जबकि 1,20,24,335 मौके पर चालान किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार इनमें ओवरस्पीड के कुल चालान 1,63,80,405 चालान केवल ओवर स्पीड के हैं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर जगहों पर ओवर स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन (ओएसवीडी) कैमरे नहीं लगे हैं। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस डमी कैमरे लगाएगी, ताकि लोगों को ओएसवीडी कैमरा लगने का डर बना रहे
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अजय चौधरी ने बताया, वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस 125 ओएसवीडी कैमरे और लगाएगी। अभी तक 125 ओएसवीडी कैमरे लगे हुए हैं। अब इन कैमरों की संख्या 250 हो जाएगी। इससे तेज रफ्तारवाहनोंं पर लगाम लाएगी जा सकेगी। हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त, आधुनिक एसके सिंह का कहना है कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का उद्देश्य लोगों के चालान करना नहीं है, बल्कि लोगों के सफर को सुरक्षित बनाना है।