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यमुना प्राधिकरण के उलझे फैसलों से बिल्डर को लाभ, जमीन पुनः आवंटन पर विवाद

Report By: ICN Network

यमुना प्राधिकरण के फैसलों में आई असंगतियों का फायदा निंबस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिल गया है। शासन ने बिल्डर को बड़ी राहत देते हुए करीब पांच साल का ‘शून्य काल’ लाभ प्रदान किया है। इसके साथ ही परियोजना पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने और सरेंडर की गई जमीन को मौजूदा दरों पर फिर से आवंटित करने का निर्णय यमुना प्राधिकरण (YEIDA) पर छोड़ दिया गया है। औद्योगिक विकास विभाग ने यह आदेश बिल्डर की याचिका पर जारी किया।

प्राधिकरण ने सेक्टर 22A में 1,02,995.7 वर्गमीटर का भूखंड 2012 में लीज पर निंबस को दिया था। बिल्डर ने यहां ‘आईआईटीएल निंबस द पाम विलेज’ परियोजना शुरू कर 2014 में मानचित्र स्वीकृत कराया, जिसमें 1,906 फ्लैट प्रस्तावित थे। बाद में किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए प्राधिकरण ने 18 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस थमाया। इस बीच, बिल्डर ने PSP पॉलिसी के तहत आवेदन किया, लेकिन उस पर कोई फैसला नहीं हुआ।

बिल्डर ने भूखंड का कुछ हिस्सा प्राधिकरण को लौटाया, बावजूद इसके ब्याज समेत बकाया राशि की मांग जारी रही। लगातार विरोधाभासी फैसलों से नाराज बिल्डर ने शासन में अपील कर किसान आंदोलन और कोविड के कारण ‘शून्य काल’ लाभ, निशुल्क समय विस्तार और वापस ली गई जमीन का पुनः आवंटन मांगा।

शासन ने सुनवाई के बाद 2017 से अगस्त 2022 तक शून्य काल मानने का आदेश दिया और समय विस्तार व पुनः आवंटन का अंतिम निर्णय यमुना प्राधिकरण पर छोड़ दिया।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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