Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को समाज के लिए गंभीर अपराध मानते हुए कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों की तस्वीरें राज्य के सभी 75 जिलों के प्रमुख चौराहों पर सार्वजनिक की जाएंगी, ताकि जनता उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण बने।
मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि दूध, पनीर, तेल, घी, मसाले जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं की गुणवत्ता की जांच उत्पादन स्तर पर ही की जाए। विशेष रूप से दूध और दुग्ध उत्पादों की गहन निगरानी के लिए अलग से टीमें गठित करने के आदेश दिए गए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार आम जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, और इसके लिए किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नकली दवाओं और मिलावट के इस अपराध में शामिल लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब स्थापित की जाएंगी, जहां विषाणु, जीवाणु और अन्य हानिकारक तत्वों की जांच हो सकेगी।
खाद्य सुरक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एफएसडीए विभाग को पासवर्ड-संरक्षित बारकोड प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि नमूनों की जांच निष्पक्ष और गोपनीय हो। आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया, जिससे मिलावटखोरी और नकली दवाओं के व्यापार पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके।