Report By : ICN Network
सावन मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में गिनी जाती है। हर साल करोड़ों शिवभक्त गंगा से जल लेकर पैदल लंबी दूरी तय कर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। ऐसे आयोजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, साफ-सफाई और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन जाता है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कांवड़ यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद) तक हेलिकॉप्टर से कांवड़ यात्रा मार्ग का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रास्ते में संभावित समस्याओं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर अधिकारियों से चर्चा की। सीएम ने स्पष्ट कहा कि यात्रा में किसी प्रकार की रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी इंतजाम सुचारू रूप से होने चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने यात्रा मार्ग की पवित्रता बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने आदेश दिए कि यात्रा के दौरान न केवल सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद हो, बल्कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर भी कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति अगर भोजन या जल आपूर्ति को दूषित करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे यात्रा मार्ग पर टेंट, शुद्ध पेयजल, विश्राम स्थल, और शौचालयों की पर्याप्त और उच्च गुणवत्ता वाली व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही बिजली, स्ट्रीट लाइट, और सफाई की लगातार निगरानी सुनिश्चित की जाए। भोजन और विश्राम की व्यवस्था भी ऐसे स्तर पर होनी चाहिए कि कोई भी श्रद्धालु असहज महसूस न करे।
यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी को देखते हुए सीएम ने सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरे मार्ग पर तैनात रहें। इसके अलावा हेल्प डेस्क और मेडिकल सहायता के इंतजाम भी हर जरूरी जगह किए जाएं, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके।
उत्तर भारत खासकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और बिहार में कांवड़ यात्रा का विशेष धार्मिक महत्व है। सावन माह में शिव भक्त गंगा जल लेकर भगवान शिव का अभिषेक करने पैदल यात्रा करते हैं। उत्तर प्रदेश में यह आयोजन खासतौर पर व्यापक रूप से होता है और इसके सफल संचालन के लिए राज्य सरकार हर वर्ष बड़े पैमाने पर तैयारी करती है।