जसपाल सिंह पंजाब से अमेरिका सपना लेकर पहुंचे थे. उन्हें धोखा मिला. सिंह को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ा जसपाल सिंह, जो पंजाब के फतेहगढ़ चूड़ियां के निवासी हैं, अपनी जिंदगी में एक नया मोड़ लाने के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन उनका सपना चकनाचूर हो गया। फरवरी 2024 में उन्होंने अपनी सारी जमा-पूंजी और भविष्य के बेहतर अवसरों की उम्मीद लेकर अमेरिका जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने एक एजेंट के साथ एक समझौता किया था, जिसके मुताबिक उन्हें वैध वीजा के साथ अमेरिका भेजा जाना था। इस सौदे में उन्होंने 30 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन उन्हें धोखा मिला सिंह ने बताया कि उनका रास्ता यूरोप से शुरू हुआ था, लेकिन वहां से ब्राजील जाने के बाद उन्हें आखिरकार ‘डुंकी’ नामक रास्ता अपनाना पड़ा, जो अवैध मार्ग था और इसमें छह महीने का वक्त लगा। इस दौरान उन्होंने अपना सारा पैसा खो दिया हालांकि, अमेरिका पहुंचने के बाद, 24 जनवरी को जब उन्होंने अमेरिकी सीमा पार करने की कोशिश की, तो अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उन्हें पकड़ लिया। जसपाल सिंह और उनके जैसे 104 अन्य अवैध भारतीय प्रवासी, जिनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग बच्चे शामिल थे, को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया। इनमें एक चार साल का लड़का और पांच और सात साल की लड़कियां भी थीं जसपाल सिंह ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें और अन्य निर्वासित प्रवासियों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर रखा गया। अमेरिकी विमान से बुधवार को अमृतसर पहुंचे इन निर्वासित प्रवासियों को पुलिस वाहनों में उनके घरों तक भेजा गया। जसपाल सिंह के लिए यह अनुभव बहुत कष्टकारी था, और उनका भविष्य अब अनिश्चित है उनके लिए यह यात्रा सिर्फ एक नया जीवन बनाने का सपना नहीं था, बल्कि एक कठिन संघर्ष का हिस्सा बन गई, जिसमें उन्होंने न केवल अपनी सारी पूंजी खो दी, बल्कि उनका विश्वास भी टूट गया। अमृतसर में वापस लौटने के बाद, उनका दिल टूट चुका था और उनका सपना अब केवल एक कहानी बनकर रह गया
Illegal Immigrants: पंजाब से अमेरिका पहुंचे जसपाल सिंह की कहानी सुनकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे

जसपाल सिंह पंजाब से अमेरिका सपना लेकर पहुंचे थे. उन्हें धोखा मिला. सिंह को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ा जसपाल सिंह, जो पंजाब के फतेहगढ़ चूड़ियां के निवासी हैं, अपनी जिंदगी में एक नया मोड़ लाने के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन उनका सपना चकनाचूर हो गया। फरवरी 2024 में उन्होंने अपनी सारी जमा-पूंजी और भविष्य के बेहतर अवसरों की उम्मीद लेकर अमेरिका जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने एक एजेंट के साथ एक समझौता किया था, जिसके मुताबिक उन्हें वैध वीजा के साथ अमेरिका भेजा जाना था। इस सौदे में उन्होंने 30 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन उन्हें धोखा मिला सिंह ने बताया कि उनका रास्ता यूरोप से शुरू हुआ था, लेकिन वहां से ब्राजील जाने के बाद उन्हें आखिरकार ‘डुंकी’ नामक रास्ता अपनाना पड़ा, जो अवैध मार्ग था और इसमें छह महीने का वक्त लगा। इस दौरान उन्होंने अपना सारा पैसा खो दिया हालांकि, अमेरिका पहुंचने के बाद, 24 जनवरी को जब उन्होंने अमेरिकी सीमा पार करने की कोशिश की, तो अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उन्हें पकड़ लिया। जसपाल सिंह और उनके जैसे 104 अन्य अवैध भारतीय प्रवासी, जिनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग बच्चे शामिल थे, को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया। इनमें एक चार साल का लड़का और पांच और सात साल की लड़कियां भी थीं जसपाल सिंह ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें और अन्य निर्वासित प्रवासियों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर रखा गया। अमेरिकी विमान से बुधवार को अमृतसर पहुंचे इन निर्वासित प्रवासियों को पुलिस वाहनों में उनके घरों तक भेजा गया। जसपाल सिंह के लिए यह अनुभव बहुत कष्टकारी था, और उनका भविष्य अब अनिश्चित है उनके लिए यह यात्रा सिर्फ एक नया जीवन बनाने का सपना नहीं था, बल्कि एक कठिन संघर्ष का हिस्सा बन गई, जिसमें उन्होंने न केवल अपनी सारी पूंजी खो दी, बल्कि उनका विश्वास भी टूट गया। अमृतसर में वापस लौटने के बाद, उनका दिल टूट चुका था और उनका सपना अब केवल एक कहानी बनकर रह गया